नहीं रहे पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण, जानिए कानून से लेकर सियासत का सफर
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नहीं रहे पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण, जानिए कानून से लेकर सियासत का सफर

पूर्व कानून मंत्री और मशहूर वकील शांति भूषण का मंगलवार को निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. वह सर्वोच्च न्यायालय के प्रसिद्ध अधिवक्ता प्रशांत भूषण के पिता थे. बताया जा रहा है कि शांति भूषण कई दिनों से बीमार चल रहे थे.

नहीं रहे पूर्व कानून मंत्री शांति भूषण, जानिए कानून से लेकर सियासत का सफर

लखनऊ:  पूर्व कानून मंत्री और मशहूर वकील शांति भूषण का मंगलवार को निधन हो गया. उन्होंने दिल्ली स्थित अपने आवास पर अंतिम सांस ली. वह सर्वोच्च न्यायालय के प्रसिद्ध अधिवक्ता प्रशांत भूषण के पिता थे. बताया जा रहा है कि शांति भूषण कई दिनों से बीमार चल रहे थे. शांति भूषण ने ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में बेहद चर्चित मामले में राजनारायण की पैरवी की थी.

सफल वकील और राजनेता रहे

शांति भूषण सिर्फ देश के पूर्व कानून मंत्री नहीं थे, बल्कि प्रसिद्ध संविधान विशेषज्ञ के रूप में उनकी पहचान थी. कानूनी मुद्दों पर उनकी पकड़ के सभी मुरीद थे. 1977 से 1979 तक वह देश के कानून मंत्री रहे, वह मोरारजी देसाई की सरकार में मंत्री बनाए गए थे.  वह 14 जुलाई 1977 से 2 अप्रैल 1980 तक उच्च सदन राज्यसभा के सदस्य भी रहे. 1980 में वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. कुछ सालों बाद जब भारतीय जनता पार्टी ने एक चुनाव याचिका पर उनकी सलाह नहीं मानी, तो उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया.

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जनहित याचिकाओं के लिए जाने जाएंगे

शांति भूषण द्वारा Centre for Public Interest Litigation की शुरुआत की गई थी. उसके बाद सर्वोच्च न्यायालय तक कई जनहित याचिकाएं पहुंचीं.  यहां तक की 2018 में उन्होंने मास्टर ऑफ रोस्टर में ही बदलाव की मांग कर करने से  जुड़ी याचिका लगाई. वह अपने साफगोई के लिए जाने जाते थे. अन्ना आंदोलन के दौरान अरविंद केजरीवाल का समर्थन करने के बाद उन्होंने आम आदमी पार्टी पर लोकतांत्रिक तरीके से राजनीति नहीं करने की बात कही गई थी.

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