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फर्रुखाबाद: शिक्षा वो धन है जो किसी की जिंदगी बदल सकता है. ज्ञान में वो ताकत है जिससे जिंदगी जीने के मायने ही बदल जाए. ऐसा ही एक मामला जेल में बंद कैदी के साथ हुआ. फर्रुखाबाद जिला जेल में निरुद्ध बंदी के संकल्प और लगन ने उसे बोर्ड परीक्षा पास कराई. जेल में रहकर भी कैदी ने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की.
दो साल से विचाराधीन बंदी के तौर पर जेल में बंद
आपको बता दें कि फतेहढ़ के कठेरियन नगला निवासी स्वर्गीय पप्पू नागर का पुत्र चंदन विगत लगभग दो साल से जिला जेल में विचाराधीन बंदी के तौर पर निरुद्ध है. हालांकि जेल में रहने के दौरान चंदन ने अपनी पढ़ाई जारी रखने का संकल्प लिया. जेल प्रशासन ने भी उसकी मदद में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी.
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द्वितीय श्रेणी में पास हुआ चंदन
बता दें कि कड़ी मेहनत और लगन से पढ़ाई के बाद चंदन ने इंटरमीडिए की परीक्षा दी. उसकी तैयारी में शिक्षक प्रशांत कटियार और जेल प्रशिक्षक रामकुमार ने काफी मदद की. जब शनिवार को परिणाम घोषित हुआ. जिसमें चंदन ने 41 प्रतिशत अंक के साथ द्वितीय श्रेणी में परीक्षा पास की.
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दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट के मामले में मुकदमा विचाराधीन: जेल अधीक्षक
चंदन की मानें तो अंक कम आए हैं, वह और अधिक मेहनत से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करेगा. वहीं, जेल अधीक्षक भीमसेन मुकुंद ने चंदन को मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी और आगे की पढ़ाई जारी रखने का हौसला भी दिया. जेल अधीक्षक ने बताया कि चंदन पर दुष्कर्म व पाक्सो एक्ट के मामले में मुकदमा विचाराधीन है.
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