Mathura News: मथुरा में पकड़े 19 फर्जी मास्टर, आठ साल से प्राइमरी स्कूलों में करा रहे थे पढ़ाई
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Mathura News: मथुरा में पकड़े 19 फर्जी मास्टर, आठ साल से प्राइमरी स्कूलों में करा रहे थे पढ़ाई

Mathura : मथुरा में एक ऐसा फर्जीवाड़ा सामने आया है, जिसे सुनकर कोर्ट भी हैरान रह गया. यहां 8 साल से 19 टीचर शिक्षक बनकर बैठे हैं. उन्हें वेतन भी नहीं मिल रहा था. अब जब वेतन की मांग की तो पता चला पूरे कुएं में ही भांग मिली हुई है.

Mathura News: मथुरा में पकड़े 19 फर्जी मास्टर, आठ साल से प्राइमरी स्कूलों में करा रहे थे पढ़ाई

कन्हैया लाल शर्मा/मथुरा : मथुरा में 19 शिक्षक 8 साल से बच्चों को पढ़ा रहे हैं, वह भी बिना वेतन लिए. सुनकर आपको लगेगा धन्य हैं ऐसे समाजसेवी. लेकिन ठहरिये. इनकी करतूत सुनकर आप भी माथा पकड़ लेंगे. बच्चों का भविष्य बनाने के लिए इन्होंने अपना भविष्य बनाने का जो रास्ता चुना उसमें फर्जीवाड़े की कई परत हैं. इन 19 शिक्षकों के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाने के आरोप में एफआईआर करवाई गई है. ये सभी आरोपी शिक्षक 8 साल से बिना वेतन के काम कर रहे थे. सभी 19 आरोपी शिक्षा विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत कर वेतन निकालने की तैयारी कर रहे थे. जांच में गड़बड़झाला पाए जाने पर इन्हें चिन्हित किया गया. ये सभी 15 हजार शिक्षक भर्ती के दौरान भर्ती किए गए थे. 

कार्रवाई की सिफारिश की गई थी

बीएसए की तहरीर के आधार पर इन शिक्षकों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. सात साल पहले 2016 में तत्कालीन बीएसए मनोज कुमार मिश्रा ने इन शिक्षकों को संदिग्ध मानते हुए इनके खिलाफ FIR और सेवा समाप्ति की सिफारिश की थी. इनके खिलाफ एफ़आईआर कराने में ही विभाग को सात साल  लग गए. वहीं इनकी सेवा समाप्ति अभी दूर की कौड़ी नज़र आ रही है. इन सभी शिक्षकों को 15 हजार शिक्षक भर्ती में नियुक्ति दी गई थी. शैक्षिक अभिलेखों के सत्यापन में ये प्रथम दृष्टया फर्जी पाए गए हैं.

निवर्तमान बीएसए वीरेंद्र कुमार सिंह ने तो इनमें से 5 संदिग्ध शिक्षकों ने वेतन आदेश तक जारी कर दिये. लेकिन वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक ने अपनी आपत्ति दर्ज कराते हुए वेतन निर्गत नहीं किया. वेतन रुकने पर इनमें से एक शिक्षक कोर्ट पहुंच गया. उसने बीएसए के आदेश के खिलाफ पुनर्विचार पत्र लिखने को एओ के अधिकार क्षेत्र से बाहर की बात कहते हुए न्यायालय से वेतन दिलाने की मांग की. 
कोर्ट भी रह गया दंग
न्यायालय ने एओ से शपथ पत्र मांगा और हैरानी जताई कि कैसे यह शिक्षक पिछले 8 साल से लगातार नौकरी कर रहे हैं. न तो इन्हें वेतन दिया जा रहा है न ही इनकी जांच की गई. कोर्ट ने प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा को 15 दिन में जांच करते हुए जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका तय करने के लिए 27 सितंबर तक समय दिया. इसके बाद बीएसए सुनील दत्त ने उन पांच सहित 19 शिक्षकों के खिलाफ थाना हाइवे में तहरीर दे दी, जिसके चलते इन शिक्षकों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर की गई है.

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