Happy Christmas 2022: उत्तर भारत का सबसे पहला चर्च आगरा में मुगल बादशाह अकबर के द्वारा बनवाया गया था. जानें पूरी चर्च की पूरी कहानी...
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आगरा: उत्तर भारत का सबसे पहला चर्च आगरा में मुगल बादशाह अकबर के द्वारा बनवाया गया था. जानकारी के मुताबिक इस चर्च का निर्माण 1599 से शुरू होकर 1600 में खत्म हुआ. बता दें कि चर्च का निर्माण कार्य पादरी जेसुई जेवेरियर की देख-रेख में जिम्मेदारी के साथ कराया गया. जब इस चर्च का काम पूरा हुआ तब आगरा में पहली बार इसी चर्च में क्रिसमस का त्यौहार मनाया गया. फिलहाल, इस चर्च के देख-रेख की जिम्मेदारी फादर इगनिस मेरेंडा संभाल रहे हैं.
मुगल काल में ईसाइयों का पहला चर्च
आपको बता दें कि मुगल शासन काल में यह चर्च ईसाइयों का पहला चर्च था, जो कि 1599 में बना था. सबसे बड़ी बात ये है कि ये चर्च आज भी मौजूद है. लोग इसे आज भी अकबरी चर्च के नाम से जानते हैं. चर्च के निर्माण के बाद वैसे तो इसकी सुंदरता में कोई कमी नहीं आई, लेकिन चर्च बनने के कुछ समय बाद इसका भव्य निर्माण शहजादा सलीम यानी जहांगीर ने दोबारा कराया. उन्होंने इस चर्च को एक विशाल स्वरूप प्रदान किया.
इस चर्च में लगी थी आग
आपको बता दें कि इस चर्च के इतिहास में काफी उतार-चढ़ाव आए हैं. एक बार इस चर्च में आग लगने के कारण भारी नुकसान हुआ था, फिर इस चर्च को दोबारा दुरुस्त किया गया. खास बात ये है कि अकबर के द्वारा नए धर्म दीन-ए-इलाही की शुरुआत की गई थी. वहीं, इसको लेकर जानकर मानते हैं कि उस समय इस चर्च का निर्माण भारत में ईसाई धर्म को मजबूती प्रदान करने के लिए कराया गया था.
चर्च के बनने के 63 साल बाद आए ईसाइयों
जानकारी के मुातबिक इस चर्च के बनने के 63 साल बाद ईसाइयों का आगरा शहर में आगमन हुआ. आगरा के इसी चर्च में पहली बार क्रिसमस के त्यौहार को मनाया गया था, जो तब से अब तक लगातार जारी है. फिलहाल, इस चर्च की देखरेख फादर इग्निस मेरिंडा के जिम्मे है.
फादर ने दी जानकारी
फादर इग्निस मेरिंडा का कहना है कि इस चर्च से देश विदेश के सभी धर्म के लोगों की आस्था जुड़ी है, जो आज भी इस चर्च में मन्नतें लेकर आते हैं. आगरा ही नहीं बाहरी लोग भी चर्च में क्रिसमस के मौके पर आते हैं. क्रिसमस से पहले अकबर चर्च को सजा दिया जाता है, जिसके चलते इस चर्च की खूबसूरती में चार चांद लग जाते हैं.