बुंदेलखंड के लाल गेहूं को मिलेगी राष्ट्रीय पहचान, योगी सरकार ने उठाया यह कदम
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बुंदेलखंड के लाल गेहूं को मिलेगी राष्ट्रीय पहचान, योगी सरकार ने उठाया यह कदम

बुंदेलखंड के कठिया गेहूं से बना दलिया काफी लोकप्रिय है. यूपी की योगी सरकार इसे राष्ट्रीय स्‍तर पर पहचान दिलाने की कवायद में लगी है.  

बुंदेलखंड के लाल गेहूं को मिलेगी राष्ट्रीय पहचान, योगी सरकार ने उठाया यह कदम

झांसी : यूपी के बुंदेलखंड में कठिया गेहूं को राष्ट्रीय पहचान मिलने वाली है. यहां के कठिया गेहूं को अब जीआई टैग (भौगोलिक संकेतक) से  लैस किया जाएगा. जीआई टैग मिलने के बाद यहां के किसानों को ज्‍यादा से फायदा मिलने लगेगा. 

उपज का बेहतर मूल्‍य मिल सकेगा 
बुंदेलखंड में कठिया गेहूं का खासा उत्‍पादन होता है. इसे पूरी तरह जैविक माना जाता है. यही वजह है कि कठिया गेहूं से बना दलिया काफी लोकप्रिय है, लेकिन उपज कम होने से इसके उत्पादन में किसान अधिक दिलचस्पी नहीं लेते हैं. कम रकबे में ही इसकी बुवाई होती है. सरकार ओडीओपी की तर्ज पर प्रत्येक जनपद के एक कृषि उत्पाद को भी बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है. झांसी में किसान उत्पादक संगठन एफपीओ बनाकर कठिया गेहूं के उत्पादन से जुड़े किसानों को इससे जोड़ा जा रहा है. ताकि उन्हें उपज का बेहतर मूल्य मिल सके.

योगी सरकार किसानों को कर रही प्रोत्‍साहित 
साथ ही बुंदेलखंड के कठिया गेहूं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की कवायद चल रही है. झांसी में कठिया वीट बंगरा प्रोड्यूसर लिमिटेड कंपनी का गठन कर योगी सरकार किसानों को प्रोत्साहित कर रही है. कंपनी के माध्यम से कठिया गेहूं को जीआई टैग दिलाने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. कठिया गेहूं को प्रोत्साहित करने के लिए बनाए गए एफपीओ से अभी तक चार सौ अधिक किसान जोड़े गए हैं.

बड़ी संख्‍या में हो रहा उत्‍पादन 
झांसी में बंगरा, बामौर, गुरसराय, मऊरानीपुर सहित आसपास के क्षेत्रों में किसान बड़ी संख्या में कठिया गेहूं की पैदावार करते हैं. इसके अलावा बुंदेलखंड के अन्य जनपदों में भी बड़ी संख्या में किसान कठिया गेहूं की पैदावार कर रहे हैं. एफपीओ के तहत कठिया गेहूं की बेहतर मार्केटिंग और इसके उत्पाद तैयार करने के भी प्रयास हो रहे हैं. 

कठिया गेहूं की देसी किस्‍में उपजाई जा रहीं
कठिया वीट बंगरा प्रोड्यूसर लिमिटेड कंपनी के निदेशक और कठिया गेहूं के उत्पादक नत्थू सिंह तोमर ने बताया कि झांसी के कई गांव में कठिया गेहूं की देसी किस्में उपजाई जाती हैं. सरकार इसकी खेती को बढ़ावा देना चाहती है. हम अपनी कंपनी के माध्यम से किसानों को प्रेरित कर रहे हैं. हमने जीआई टैग के लिए पिछले वर्ष प्रक्रिया शुरू की थी और जल्द प्रक्रिया पूरी होने की उम्मीद है. झांसी के मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद ने बताया कि सरकार किसानों की आमदनी को दोगुना करना चाहती है. इस क्षेत्र में कठिया गेहूं की अच्छी पैदावार होती है और इसे प्रोत्साहित करने के लिए एफपीओ बनाया गया है. 

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