बिजनौर समाचार: ग्रामीणों की माने तो गांव का दबंग इमरान और तोहिद की अच्छी पकड़ होने की वजह से कब्रिस्तान में खडे पेड़ों को काटकर बेच रहा है, जबकि ये पेड़ सरकारी हैं.
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राजवीर चौधरी/बिजनौर: उत्तर प्रदेश के बिजनौर में सरकारी पेड़ों पर लकड़ी माफिया की नजर है. सरकारी वक्फ की 100 बीघा जमीन पर खडे सैकड़ों पेड़ों पर लकड़ी माफिया ने आरी चलवा दी है. जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने डीएम से की है. इसके बाद लकड़ी माफिया शिकायत करने वालों को धमकी दे रहा है.
20 लाख रुपये के पेड़ काट दिए
सीएम योगी भले ही माफियाओं को लेकर कितने ही सख्त हो, लेकिन बिजनौर में अफसर माफियाओं पर मेहरबान दिखाई दे रहे हैं. गंज पुलिस चौकी इलाके के जहानाबाद गांव में लगभग सौ बीघा सरकारी कब्रिस्तान की जमीन पर गांव वालों ने 19 साल पहले युकेलिपटीस के हजारों पेड़ लगाए थे. अब ये पेड़ काफी बड़े हो गए है तो इन पेड़ों पर गांव के दबंग इमरान और तौहीद की नजर पड़ गई. इतना ही नहीं दबंगों ने चार दिन में ही 20 लाख रूपये के पेड़ काटकर बेच दिए. सबसे बड़ी हैरत की बात ये है कि ग्रामीणों ने पहले ही इन पेड़ों के काटे जाने की सूचना जिले के अल्पसंख्यक विभाग के अफसरों और डीएम को दे दी थी उसके बाद भी दबंगों ने सैकड़ों पेड़ों को काटकर बेच दिया.
शिकायत के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
ग्रामीणों की माने तो गांव का दबंग इमरान और तोहिद की अच्छी पकड़ होने की वजह से कब्रिस्तान में खडे पेड़ों को काटकर बेच रहा है, जबकि ये पेड़ सरकारी हैं. ग्रामीणों का ये भी कहना है कि लकड़ी माफिया इमरान पर पुलिस और तहसील के अफसर भी मेहरबान हैं. इसी वजह से शिकायत के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. इतना ही ग्रामीणों ने जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी और कर्मचारियों से भी कब्रिस्तान की जमीन पर खडे पेड़ों के काटे जाने की शिकायत की थी लेकिन विभाग के अफसरों ने उनकी कोई बात नहीं सुनी.
फिलहाल ग्राम प्रधान ने पेड़ों की रखवाली के लिये चौकीदार को छोड़ दिया है, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर सरकारी पेड़ काटने वालों के खिलाफ अफसरों ने अभी तक मुकदमा दर्ज क्यों नहीं किया. आखिर दबंग इमरान को कौन बचा रहा है. बताया तो ये भी जा रहा है कि सफेद पोस नेता लकड़ी माफिया का सुरक्षा कवच बना हुआ है.
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