Sawan Third Somwar 2022: कांवड़ियों के जयकारे से गूंज रहे बरेली के सातों शिवालय, अलखनाथ मंदिर में रात भर हुआ बाबा का जलाभिषेक
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Sawan Third Somwar 2022: कांवड़ियों के जयकारे से गूंज रहे बरेली के सातों शिवालय, अलखनाथ मंदिर में रात भर हुआ बाबा का जलाभिषेक

Sawan Third Somwar 2022: आज सावन का तीसरा सोमवार है..शिव भक्तों की मंदिरों में लंबी कतारें लगी हुई हैं..बरेली का अलखनाथ मंदिर शहर में अति प्राचीन मंदिरों में से एक है... श्री अलखनाथ मंदिर का इतिहास भी बहुत प्राचीन है. बाबा बालक नाथ के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर की देख-रेख साधु और महंत ही करते हैं. इस मंदिर की सबसे खास बात यह है कि इस मंदिर में हनुमान जी की विशाल प्रतिमा शहर की सबसे ऊंची प्रतिमा है. 

 

Sawan Third Somwar 2022: कांवड़ियों के जयकारे से गूंज रहे बरेली के सातों शिवालय, अलखनाथ मंदिर में रात भर हुआ बाबा का जलाभिषेक

अजय कश्यप/बरेली: हिंदू धर्म में भगवान शिव को कल्याण का देवता माना गया है. भगवान शिव थोड़ी सी पूजा से ही प्रसन्न होकर अपने भक्तों को मनचाहा वरदान दे देते हैं. शिव जी की पूजा के लिए सप्ताह में सोमवार का दिन सुनिश्चित है. श्रावण मास में पड़ने वाले सोमवार का काफी महत्व होता है. आज सावन का तीसरा सोमवार है. शिवालयों में भक्तों की भारी उमड़ रही है. नाथ नगरी बरेली में शिव के जयकारे सुनाई दे रहे हैं. 

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भगवान शिव के दर्शन के लिए उमड़ी भक्तों की भीड़
सावन सोमवार को नाथ नगरी बरेली में लाखों की संख्या में सुबह से ही भक्त भगवान भोलेनाथ के दर्शन के लिए जुटने लगे हैं. बरेली की चारों दिशाओ में सात नाथ विराजमान हैं इसलिए इसे नाथ नगरी के नाम से जाना जाता है. बरेली के सभी शिव भक्त भगवान भोले नाथ के मंदिरों पर सुबह से उमड़ने लगे. हाथों में लोटा और लोटे में जल , बेल पत्री लेकर सभी बाबा का जलभिषेक करने के लिए घंटों से लाइनों में लगे रहे. अलख नाथ मन्दि रमें सुबह 2 बजे से जलाभिषेक शुरू हो गया था. बरेली में आज भरी तादात में शिव भक्तों ने अलख नाथ मंदिर में इकट्ठा हुए और बरेली के सिद्ध पीठ अलख नाथ मंदिर में जलाभिषेक किया.

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उज्जैन की ही तर्ज पर किया जाता है शिव का श्रृंगार
आज सावन का तीसरा सोमवार है और अब हम आपको ले चलते हैं बरेली के तुलसी स्थल मंदिर में, जहां शिवालय का उज्जैन की ही तर्ज पर श्रृंगार किया जाता है जैसे कि  बाबा महाकाल का किया जाता है. सावन में सुबह चार से बाबा का श्रृंगार किया जाता है और विशेष पूजा अर्चना की जाती है. तुलसी स्थल मंदिर को तुलसीदास जी तपोभूमि कहा जाता है. यहां की मान्यता है कि जो भी भक्त यहां आकर महादेव की सच्चे मन से पूजा अर्चना करता है उसकी हर मुराद महादेव पूर्ण करते हैं.  बाबा का श्रृंगार को देखने के लिए दूर-दूर से भक्त आते हैं. मंदिर के महंत नीरज नयन दास के मुताबिक यहां महादेव साक्षात रूपमे बिराजमान हैं.  तुलसी स्थल मंदिर थाना किला क्षेत्र में स्थित है.

नाथ नगरी है बरेली
बरेली को नाथ नगरी के नाम से जाना जाता है. यहां नौ प्राचीन मंदिर हैं. इन प्राचीन मंदिरों की अलग-अलग विशेषताएं हैं. मंदिरों में दर्शन के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं और अपनी मुराद मांगते हैं. सावन का महीने चल रहा है. इस समय कांवड़िये हरिद्वार और कछला गंगा घाट से जल भरकर नाथ नगरी के मंदिरों में जलाभिषेक कर रहे हैं.

मंदिरों का इतिहास
ऐसी मान्यता है कि ये सभी शिवलिंग स्वंभू प्रकट हुए है. जिस वजह से सावन के महीने में मंदिरों में लाखों श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए पहुंचते है. मढ़ीनाथ, तपेश्वरनाथ, पशुपति नाथ, अलखनाथ, धोपेश्वर नाथ, त्रिवटी नाथ, वनखंडी नाथ मंदिर बरेली के प्रमुख मंदिर है.

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