गन्ना विकास एवं चीनी मिलों के मंत्री ने कहा कि अभी 14 दिनों के अंदर गन्ना किसानों का भुगतान करने का प्रावधान एक्ट में है. लेकिन आने वाले 2 सालों के बाद ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं, जिससे 10 दिनों के अंदर गन्ना किसानों का भुगतान खातों में पहुंच जाएगा.
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नितिन श्रीवास्तव/बाराबंकी: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार में गन्ना विकास एवं चीनी मिलों के मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी बुधवार को बाराबंकी पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि योगी सरकार की प्राथमिकता है कि सभी चीनी मिलें 15 अक्टूबर से शुरू हो जाएं और हर हाल में 30 मई तक गन्ने की पेराई का काम पूरा कर लिया जाए. क्योंकि इस समय के दौरान रिकवरी अच्छी रहती है. इसके अलावा गन्ना किसानों के खाते में उनका भुगतान समय से पहुंचे, सरकार इसके लिए भी लगातार प्रयास कर रही है.
मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों में गन्ना किसानों का भुगतान कई सालों तक नहीं होता था. पूर्ववर्ती सरकारों में गन्ना मिलों को बेचा गया, जबकि हम बंद मिलों को या तो शुरू करवा रहे हैं या फिर नई मिलें बनवा रहे हैं. हमारी सरकार में यह स्थिति काफी सुधरी है और पिछले साल लगभग 98 फ़ीसदी किसानों का भुगतान कर दिया गया था. जबकि इस साल भी हम लोग 86 फ़ीसदी गन्ना किसानों का भुगतान उनके खातों में भेज चुके हैं.
गन्ना विकास एवं चीनी मिलों के मंत्री ने कहा कि अभी तक 14 दिनों के अंदर गन्ना किसानों का भुगतान करने का प्रावधान हमारे एक्ट में है. लेकिन हम आने वाले 2 सालों के बाद ऐसी व्यवस्था करने जा रहे हैं, जिससे 10 दिनों के अंदर गन्ना किसानों का भुगतान उनके खातों में पहुंच जाएगा. इसके अलावा इथेनॉल समेत कई प्लांट बढ़ाये जा रहे हैं. प्रदेश में गन्ने का क्षेत्रफल बढ़ रहा है साथ ही रिकवरी भी ज्यादा हो रही है. इसके अलावा सरकार किसानों को गन्ने की अच्छी बीज देने की पूरी कोशिश कर रही है. ऐसे में पूरे देश में गन्ने की फसल को लेकर सबसे अच्छी स्थिति उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में मानी जा रही है.
मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पिछले 5 सालों में किसानों के खाते में गेहूं खरीद का 40 हजार करोड़ रुपया भेजा गया है. यह योगी सरकार की बड़ी उपलब्धि रही है, जबकि 60 हजार करोड़ रूपया धान खरीद का किसानों के खाते में भेजा जा चुका है. इसके अलावा एक लाख 80 हजार करोड़ रुपया किसानों के खाते में गन्ने का भुगतान के रूप में भेजा जा चुका है. यानी धान और गेहूं की फसल का दोगुना पैसा गन्ना किसानों के खाते में उनके भुगतान के रूप में सरकार ने भेजा है.
इसके अलावा उन्होंने कहा कि जब कोरोना काल में पूरी दुनिया में साइकिल से लेकर हवाई जहाज तक सब बंद था, मिलें और छोटे उद्योग धंधे में बंद पड़े थे. उस समय भी उत्तर प्रदेश की शुगर मिलें चलाई गईं. लगातार किसानों के गन्ने की मिलों में पेराई कराई गई. पिछली सरकारों में गन्ना किसानों का भुगतान कई सालों तक नहीं होता था जबकि हमारी सरकार ने लगभग 98 फ़ीसदी किसानों का भुगतान कर दिया. इस साल भी हम लोग 86 फ़ीसदी गन्ना किसानों का भुगतान उनके खातों में भेज चुके हैं.