Barabanki : भ्रष्‍टाचार पर एक्‍शन में योगी सरकार, कोऑपरेटिव बैंक का पूर्व चेयरमैन भेजा गया जेल
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Barabanki : भ्रष्‍टाचार पर एक्‍शन में योगी सरकार, कोऑपरेटिव बैंक का पूर्व चेयरमैन भेजा गया जेल

बाराबंकी जिले में यूपी कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन और शिक्षक को भ्रष्टाचार के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है. निलंबित शिक्षक पर जालसाजी और धोखाधड़ी का केस दर्ज है. 

Barabanki : भ्रष्‍टाचार पर एक्‍शन में योगी सरकार, कोऑपरेटिव बैंक का पूर्व चेयरमैन भेजा गया जेल

बाराबंकी : यूपी के सीएम योगी आदित्‍यनाथ भ्रष्‍टाचार को लेकर एक्‍शन में हैं. अब एक और भ्रष्‍टाचारी पर कार्रवाई हुई. बाराबंकी जिले में यूपी कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन और शिक्षक को भ्रष्टाचार के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा है. पूर्व चेयरमैन के खिलाफ स्कूल भवन निर्माण में धांधली करने और निर्माण सामग्री खरीदने के लिए आई राशि को गबन करने का आरोप है. निलंबित शिक्षक पर जालसाजी और धोखाधड़ी का केस दर्ज है. 

2006 में बीएसए ने दर्ज कराया था मुकदमा  
दरअसल, बाराबंकी के सतरिख थाना में तीन अगस्त 2006 को तत्कालीन बीएसए राजेश कुमार वर्मा ने प्राथमिक विद्यालय पाराकुंवर के शिक्षक धीरेंद्र कुमार वर्मा के खिलाफ विद्यालय भवन निर्माण में धांधली, निर्माण सामग्री खरीद के लिए आई राशि गबन के मामले में जालसाजी, धोखाधड़ी आदि धाराओं में केस दर्ज कराया था. तत्कालीन विभागीय सहायक अभियंता ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय सरायमिही के निर्माण की जांच रिपोर्ट बीएसए को दी थी. धीरेंद्र कुमार वर्मा के द्वारा इस विद्यालय के निर्माण में लाखों का घोटाला मिला था. भ्रष्टाचार में लिप्त होने पर तत्कालीन बीएसए ने आरोपी शिक्षक और निर्माण प्रभारी धीरेंद्र कुमार वर्मा को साल 2005 में निलंबित कर दिया था.

2007 से ही चल रहा था फरार 
यह मामला बाराबंकी की सीजेएम कोर्ट में साल 2007 से चल रहा है. मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद से ही आरोपी शिक्षक फरार था. इस दौरान वह यूपी कोऑपरेटिव बैंक बाराबंकी का चेयरमैन भी बन गया था. सीजेएम कोर्ट द्वारा कई बार नोटिस देने के बाद भी आरोपी धीरेंद्र कुमार वर्मा कभी कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ.  

उच्‍च न्‍यायालय भी कर रही थी मॉनीटरिंग 
पंद्रह साल पुराने इस मुकदमे की मॉनीटरिंग उच्च  न्यायालय द्वारा भी की जा रही थी. सीजेएम कोर्ट से आरोपी कोऑपरेटिव बैंक के पूर्व चेयरमैन को अदालत में उपस्थित होने के आदेश दिए गए लेकिन वह फरार ही रहा. सीजेएम ने 13 अक्टूबर 2022 को धीरेंद्र की गिरफ्तारी में एनबीडब्लू जारी की थी. इसमें अब गिरफ्तारी हुई है.

अब होगी विभागीय कार्रवाई 
वहीं, बाराबंकी के बीएसए संतोष कुमार देव पांडेय ने बताया कि आरोपी शिक्षक धीरेंद्र कुमार वर्मा कई सालों से निलंबित है. इनका निलंबन भत्ता बंद है. इस पर करीब 2.70 लाख रुपये रिकवरी का मामला है. इस मामले में अब विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी. बाराबंकी की नगर कोतवाली पुलिस ने यह गिरफ्तारी की है.

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