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इलाहाबाद/मोहम्मद गुफरान : बाहुबली सपा नेता रमाकांत यादव और बसपा के पूर्व सांसद अकबर अहमद डंपी के गुटों के बीच 24 साल पहले चली गोलियों की गूंज अभी तक सुनाई दे रही है. इस केस में रमाकांत यादव ने एमपी एमएलए कोर्ट से गिरफ्तारी के आदेश के बाद सरेंडर कर दिया था और वो अभी जेल में बंद हैं. वहीं पूर्व बसपा सांसद
पूर्व बसपा सांसद अकबर अहमद डंपी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई है. 1988 में दर्ज हत्या के प्रयास के मामले में हाईकोर्ट ने डंपी को अग्रिम जमानत दे दी है. हाईकोर्ट ने पूर्व बसपा सांसद अकबर अहमद डंपी की गिरफ्तारी पर रोक लगाई है. यह मामला आजमगढ़ के अंबारी पुलिस चौकी के पास साल 1998 का है . सपा प्रत्याशी रहे रमाकांत यादव और बसपा प्रत्याशी रहे अकबर अहमद डंपी के बीच तब गोलीबारी हुई थी. मामले में पुलिस की तरफ से दोनों नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दाखिल की थी, जिसके बाद कार्रवाई आगे बढ़ी.
आजमगढ़ के फूलपुर थाने में इस गैंगवार को लोग आज भी नहीं भूले हैं. रमाकांत यादव के साथ डंपी के खिलाफ भी वारंट था औऱ उन्हें भी एमपी एमएलए कोर्ट ने राहत नहीं दी थी. अकबर अहमद डंपी 2 बार बसपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. रमाकांत यादव अभी फूलपुर पवई विधानसभा सीट से सपा विधायक हैं. जहरीली शराब कांड समेत कई संगीन धाराओं में उन पर केस दर्ज हैं. उन पर गैंगस्टर भी लगा है. रमाकांत यादव सपा, बसपा, भाजपा समेत कई दलों में रह चुके हैं. वो चार बार सांसद और विधायक रह चुके हैं.
उल्लेखनीय है कि सांसदों और विधायकों से जुड़े मामलों को एमपी एमएलए कोर्ट में बेहद त्वरित गति से निस्तारित किया जा रहा है. वहीं यूपी सरकार ने भी बाहुबली नेताओं पर अपना शिकंजा कसा है. मुख्तार अंसारी समेत कई आपराधिक पृष्ठभूमि वाले नेता आज की सलाखों के पीछे हैं.