Mukhtar Ansari : अवधेश राय हत्‍याकांड में बाहुबली मुख्‍तार अंसारी दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा, जानें पूरा मामला
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Mukhtar Ansari : अवधेश राय हत्‍याकांड में बाहुबली मुख्‍तार अंसारी दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा, जानें पूरा मामला

गैंगस्‍टर के एक मामले में गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाई सजा. साथ ही 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया. 

Mukhtar Ansari : अवधेश राय हत्‍याकांड में बाहुबली मुख्‍तार अंसारी दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई 10 साल की सजा, जानें पूरा मामला

Mukhtar Ansari : मऊ के पूर्व विधायक व बाहुबली मुख्‍तार अंसारी को गैंगस्‍टर के एक मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई है. 1996 में दायर 5 मामलों में गुरुवार को गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट ने मुख्‍तार अंसारी को दोषी करार दिया है. एमपी-एमएलए कोर्ट ने बाहुबली मुख्‍तार अंसारी पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. 

मुख्‍तार के गुर्गे को भी सजा 
लंबे समय से ट्रायल नहीं होने पर मामला टलता जा रहा था. गुरुवार को विशेष जज एडीजे दुर्गेश पांडेय ने गवाहों और साक्ष्‍यों के आधार पर मुख्‍तार अंसारी को सजा सुनाई. बता दें कि मुख्‍तार इस दौरान वीडियो कांफ्रेंसिग के माध्‍यम से कोर्ट में हाजिर हुआ. मुख्‍तार के साथ उसके गुर्गे भीम सिंह को भी 10 साल की सजा और जुर्माना लगाया गया है. भीम सिंह को सजा सुनाए जाने के बाद हिरासत में ले लिया गया. 

बांदा जेल में बंद है मुख्‍तार अंसारी 
बता दें कि जिला सत्र न्‍यायालय की एमपी-एमएलए कोर्ट में बाहुबली मुख्‍तार अंसारी पर 1996 में दर्ज गैंगस्‍टर मामले की सुनवाई लंबे समय से चल रही थी. कुछ वर्षों से इस मामले की सुनवाई इलाहाबाद की बेंच कर रही थी, लेकिन बाद में मुकदमा गाजीपुर ट्रांसफर कर दिया गया. बाहुबली मुख्‍तार अंसारी अभी बांदा जेल में बंद है. 

अवधेय राय हत्‍याकांड समेत एएसपी पर जानलेवा हमला का मामला   
शासकीय अधिवक्‍ता नीरज श्रीवास्तव के मुताबिक,  मुख्‍तार अंसारी और उसके सहयोगियों पर कुल 5 केस चार्ज है. माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ वाराणसी में अवधेश राय के अलावा राजेंद्र सिंह हत्याकांड, चंदौली में सिपाही रघुवंश सिंह हत्याकांड, गाजीपुर में वशिष्ठ तिवारी उर्फ माला गुरु हत्याकांड के साथ ही गाजीपुर में एडिशनल एसपी एवं अन्य पुलिसकर्मियों पर जानलेवा हमला मामले में मुकदमा दर्ज हुआ था. 

1996 में दर्ज हुआ था मामला
मुख्तार अंसारी और उसके सहयोगी भीम सिंह पर सदर कोतवाली में 1996 में गैंगस्टर ऐक्ट के मुकदमा कायम हुआ था. 26 साल पुराने मामले में 25 नवंबर को फैसला सुनाने की तारीख कोर्ट ने तय की थी. इस बीच 24 नवंबर को पीठासीन अधिकारी का ट्रांसफर हो गया. इस कारण मामले में फैसला नहीं सुनाया जा सका. नए पीठासीन अधिकारी दुर्गेश पांडेय ने 5 दिसंबर से  लगातार सुनवाई करते हुए सभी न्यायिक औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद गुरुवार को फैसला सुनाया. 

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