Jama Masjid vs Neelkanth Mahadev Mandir: यूपी के बदायूं में जामा मस्जिद को लेकर फिर विवाद शुरू हो गया है. अब हिन्दू और मुस्लिम पक्ष कोर्ट तक पहुंच गए हैं. पढ़ें खबर-
Trending Photos
Badaun Jama Masjid vs Neelkanth Temple: आज जामा मस्जिद को शिव मंदिर बताए जाने के मामले में सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में सुनवाई हुई. इसमें हिन्दू पक्ष की तरफ से समाचार पत्रों में भारत से संबंधित गजट कराए जाने के लिए समय मांगा गया है. वहीं, इंतजामिया कमेटी के सदस्यों से उनके स्टेटस के बारे में भी पूछा गया है कि वह मुकदमे में जो पैरवी कर रहे हैं, वह किस आधार पर कर रहे हैं. साथ ही, मुस्लिम पक्ष की तरफ से यह दलील दी गई है कि जब तक सभी पक्षकारों को समन तामील नहीं हो जाते, तब तक इस केस की सुनवाई नहीं की जा सकती. साथ ही, पत्र की कॉपी भी उनके द्वारा मांगी गई है. अब इस मामले में आगामी 4 अक्टूबर की तारीख निर्धारित की गई है. कोर्ट ने प्रतिवादी को वादपत्र की कॉपी देने का आदेश भी वादी पक्ष को दिया है.
यह भी पढ़ें: Noida Digital Rape: स्कूल के बाथरूम में बच्ची से दरिंदगी, डिजिटल रेप का सनसनीखेज मामला!
6 प्रतिवादियों को कोर्ट की तरफ से नोटिस
बता दें, बीते 2 सितंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन के कोर्ट में नीलकंठ महादेव की ओर से केस दायर कराया गया था. कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए इंतजामिया कमेटी समेत 6 प्रतिवादियों को नोटिस भेजा था. अगली सुनवाई के लिए 15 सितंबर तारीख रखी गई थी. इसके बाद इंतजामिया कमेटी ने देने की तैयारियां शुरू कर दीं.
नीलकंठ महादेव मंदिर को तोड़े जाने का दावा
जानकारी के मुताबिक, सबूत के तौर पर वादी पक्ष के पास तमाम सरकारी किताबों में लिखा इतिहास, गजेटियर, नक्शा और इंतखाब हैं. उनका दावा है कि वहां पहले नीलकंठ महादेव मंदिर था, जिसे तोड़कर जामा मस्जिद बनाई गई. इधर, इंतजामिया कमेटी 1991 एक्ट के हवाले के साथ और भी तर्क देगी.
यह भी पढ़ें: Dog Attack Complaints: कुत्ता काटे तो कहां जाएं... किससे करें शिकायत? जानें सभी विकल्प
दोनों पक्ष कर रहे अपने दावे की वकालत
हिन्दू पक्ष का दावा है कि आक्रांताओं ने राजा महिपाल के किले की प्रकृति बदल दी थी. वहीं, जामा मस्जिद पक्ष ने अपनी मस्जिद को प्राचीन बताया है. इसके बाद दोनों पक्षों ने अपनी क्षमता अनुसार इतिहास से सबूत इकट्ठा किए हैं. हिन्दू महासभा की ओर से अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रदेश संयोजक मुकेश पटेल वादी हैं. उनके साथ 18 वकीलों के वकालतनामे लगे हैं.
मदरसे के शिक्षकों का यह हाल, पीएम का नहीं पता नाम... इंग्लिश टीचर को नहीं आती आसान सी स्पेलिंग