आजमगढ़ उपचुनाव में बसपा प्रत्याशी गुड्डू जमाली ने सपा पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के मुसलमान नेता अपनी गैरत बेचकर रहते हैं. मैं ऐसा नहीं कर सकता...
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वेदेन्द्र प्रताप शर्मा/आजमगढ़: यूपी के आजमगढ़ में लोकसभा उपचुनाव की मतगणना के बाद भी अभी सियासी बयानबाजी में कमी नहीं आई है. एक तरफ जीत के बाद जहां बीजेपी के दिनेश लाल यादव (निरहुआ) लखनऊ के लिए निकले हैं, तो दूसरे नंबर पर रहे समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव भी लखनऊ पहुंच गए. वहीं, बहुजन समाज पार्टी के प्रत्याशी रहे शाह आलम गुड्डू जमाली ने प्रेसवार्ता कर कहा कि वह तो यहीं के रहने वाले हैं. यहीं पैदा हुए, यहीं कब्र में दफन होंगे. उन्होंने खासतौर पर अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि मुसलमान को यह लोग अपनी जागीर समझते हैं, लेकिन इस बार मुसलमानों ने इनको औकात बता दी है.
"जो लोग बसपा को बीजेपी की बी-टीम कहते हैं..."
शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली ने कहा कि राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी बसपा को ये लोग बी-टीम बताते हैं. इनको शर्म नहीं आती. जबकि इस पार्टी के प्रत्याशी को 2.67 लाख वोट मिले. अपने बारे में उन्होंने कहा कि विधानसभा चुनाव से पहले बसपा से कुछ दूरी के चलते अपने घर पर बैठे थे, लेकिन उनको लखनऊ बुलाया गया और उनकी पगड़ी को जूते तले रौंदा गया. इसको आजमगढ़ का मुस्लमान बर्दाश्त नहीं कर पाया.
"मुस्लिम आबादी वाले इलाकों में बसपा को मिले वोट"
जमाली ने कहा कि सपा में जो मुसलमान नेता हैं, वह अपनी गैरत बेचकर रहते हैं. मैं गैरत बेचकर नहीं रह सकता. मरना पसंद करूंगा. उन्होंने सपा के मुस्लिम विधायकों पर भी निशाना साधा और कहा कि वह अपने बूथ को चेक कर लें, कितने वोट मिले थे. कहा कि एक एक बूथ पर जहां मुस्लिम आबादी है, 700 से 800 वोट बसपा को मिले तो, 100-150 वोट ही सपा को मिले. इससे उनको अपनी हैसियत पता चल गई है. 2024 में मजबूती के साथ चुनाव लड़ेंगे, जीत हासिल कर समाजवादी पार्टी के जो भी प्रत्याशी होंगे, उनको लौटाने का काम करेंगे.
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"एक नहीं, सौ जमाली पैदा होंगे"
उन्होंने कहा कि जो सैफई और इटावा से आकर यहां आजमगढ़ में अपनी जागीर बनाए हैं, उनको सबक सिखाना जरूरी है. सपा नेताओं द्वारा बार-बार मुसलमानों को भ्रमित करने के बयान पर उन्होंने कहा कि मुसलमान उनकी जागीर नहीं है कि हमेशा उन्हीं को वोट करेगा. आखिर यादव मतदाता ने बसपा को क्यों नहीं वोट किया? हारने पर सपा नेताओं द्वारा तमाम आरोप पर उन्होंने कहा कि इतना बड़ा चुनाव है. 19 या 20 ह्यूमन एरर हो सकता है, लेकिन कहीं कोई धांधली की बात नहीं है. इनकी रोने की हमेशा आदत रही है. अगर जीत जाते तो कुछ नहीं बोलते. हार गए तो ईवीएम ने हरा दिया, जमाली ने हरा दिया. जिस तरीके से उन्होंने पगड़ी को रौंदा, तो एक जमाली नहीं सौ जमाली यहां पैदा होंगे.
डिंपल को इसलिए नहीं उतारा मैदान में?
उन्होंने कहा कि अखिलेश को मालूम था कि धर्मेंद्र हारेंगे, क्योंकि वह पहले डिंपल को लड़ाना चाहते थे, लेकिन जब सामने गुड्डू जमाली को प्रत्याशी के रूप में देखा तो धर्मेंद्र को लड़ने भेज दिया, ताकि डिंपल न हारें.
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