देहरादून: यूपी की तर्ज पर अब उत्तराखंड में भी पशुपालकों को मिलेंगे इतने रुपये
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देहरादून: यूपी की तर्ज पर अब उत्तराखंड में भी पशुपालकों को मिलेंगे इतने रुपये

उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों में नगर निकायों द्वारा और ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायतों द्वारा भी निराश्रित गोवंश को शरण दिए जाने के लिए गोशाला शरणालयों का संचालन किया जाना अपेक्षित है.

देहरादून: यूपी की तर्ज पर अब उत्तराखंड में भी पशुपालकों को मिलेंगे इतने रुपये

राम अनुज/देहरादून: उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों में नगर निकायों द्वारा और ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायतों द्वारा भी निराश्रित गोवंश को शरण दिए जाने के लिए गोशाला शरणालयों का संचालन किया जाना अपेक्षित है. उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा इस कार्य हेतु गैरसरकारी संस्थाओं (मन्दिरों/मठों) से भी सहयोग लिए जाने की अपेक्षा की गई है. 

पशुपालन विभाग द्वारा, उत्तराखण्ड गोवंश संरक्षण अधिनियम, 2007 के प्रावधानों के अनुरुप पशुपालन विभाग, उत्तराखण्ड द्वारा, प्रदेश में अलाभकर गोवंश (निराश्रित/ अनुत्पादक/ बृद्ध/ बीमार/ गोतस्करों से जब्त किए गए केस प्रॉपर्टी गोवंश) को शरण दिए जाने हेतु गैर सरकारी पशुकल्याण संस्थाओं के माध्यम से कार्ययोजना संचालित की जा रही है.पिछले वर्ष राज्यान्तर्गत 38 मान्यता प्रदत्त गोसदनों में कुल 9,482 अलाभकर गोवंशीय पशु शरणागत थे.

राज्य के मान्यता प्रदत्त एवं अर्ह गोसदनों को राजकीय अनुदान स्वीकृत किए जाने हेतु दिनांक 10 जून, 2022 को पशुपालन मंत्री की अध्यक्षता में राजकीय अनुदान चयन समिति की प्रथम बैठक आहूत की गई थी. बैठक में निर्णय लिया गया था कि, कुल उपलब्ध बजट प्राविधान रु० 83.33 लाख (रु० 02.44 प्रति गोवंश प्रतिदिन की दर से राजकीय अनुदान) को गोवंश भरण-पोषण मद में सदुपयोग किये जाने हेतु सभी मान्यता प्रदत्त एवं अर्ह गोसदनों में गत वित्तीय वर्ष में शरणागत गोवंश की औसत संख्या के सापेक्ष समानुपातिक आधार पर आबंटित कर दिया जाय. इस क्रम में उत्तराखण्ड पशुकल्याण बोर्ड द्वारा प्रेषित प्रकरण शासन स्तर पर प्रक्रियाधीन है.

इस वर्ष पड़ोसी राज्यों द्वारा भूसे के परिवहन पर आंशिक रोक लगाये जाने के कारण भूसे के बाजार भाव में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है जिस कारण सभी मान्यता प्रदत्त एवं अर्ह गोसदन कठिन वित्तीय चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. उत्तराखण्ड सरकार द्वारा‘गोसदनों हेतु राजकीय सहायता मद’ में अतिरिक्त रुप से रु० 1416.67 लाख का अतिरिक्त बजट प्राविधान करते हुए चालू वित्तीय वर्ष हेतु ‘गोसदनों हेतु राजकीय सहायता मद’ में कुल रु० 1500.00 लाख का बजट प्राविधान किया गया है.

भूसे के बाजार भाव में अभूतपूर्व वृद्धि का संज्ञान लेते हुए पशुपालन मंत्री, उत्तराखण्ड सरकार की अध्यक्षता में वित्तीय वर्ष 2022-23 में राजकीय अनुदान चयन समिति की दूसरी बैठक में,उत्तराखण्ड शासन द्वारा स्वीकृत अतिरिक्त बजट प्राविधान रु० 1416.67 लाख का यथाशीघ्र सदुपयोग सुनिश्चित किये जाने हेतु निर्णय लिया गया कि राजकीय अनुदान चयन समिति की प्रथम बैठक में सभी मान्यता प्रदत्त एवं अर्ह गोसदनों को उत्तरप्रदेश राज्य की भांति रु० 27.56 प्रति गोवंश प्रतिदिन की दर से राजकीय अनुदान निर्गत किया जाय.

वर्तमान वित्तीय वर्ष में नवीन मान्यता के प्रकरणों वाले गोसदनों को मान्यता के समय शरणागत गोवंश के सापेक्ष मान्यता अनुदान निर्गत किया जाय. उत्तराखण्ड अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (उरेडा) के माध्यम से प्राप्त गोसदनों को गोबर गैस ऊर्जा उत्पादन संयंत्रों तथा सोलर लाइट के संयोजन हेतु अनुदान निर्गत किया जाय. गोसदनों द्वारा गोशाला निर्माण/क्षमता विस्तार, भूसा स्टोर निर्माण/क्षमता विस्तार तथा अन्य निर्माण मदों में प्राप्त आंगणनों के वित्त विभाग (टीएसी) परीक्षण उपरान्त स्वीकृत दरों के सापेक्ष 60% अनुदान निर्गत किया जाय.

ग्राम्य गोसेवकों के माध्यम से निराश्रित गोवंश को शरण दिये जाने हेतु पायलेट प्रोजेक्ट संचालित किये जाने, उत्तराखण्ड पशु कल्याण बोर्ड तथा उत्तराखण्ड गोसेवा आयोग में सेवारत पशुचिकित्साविदों द्वारा गोसदनों का स्थलीय पुनर्निरीक्षण किये जाने, 200 से अधिक अलाभकर गोवंश को शरण देने वाले गोसदनों को दक्षता सुधार गतिविधियों/ उपकरण/ यंत्र/ औजार/ सामग्री इत्यादि का उपार्जन किये जाने की दशा में देयकों के सापेक्ष अधिकतम 90%अनुदान निर्गत किये जाने हेतु एवं अन्य गोकल्याण गतिविधियों के संचालन हेतु उत्तराखण्ड गोवंश संरक्षण निधि में रु० 300 लाख योगदान किया जाय.

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