पूर्वांचल में पशुपालन का होगा कायाकल्प, गोरखपुर में खुलेगा वेटनरी मेडिकल कॉलेज, जमीन की गई चिन्हित
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पूर्वांचल में पशुपालन का होगा कायाकल्प, गोरखपुर में खुलेगा वेटनरी मेडिकल कॉलेज, जमीन की गई चिन्हित

पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस कॉलेज के खुलने से पशुपालकों को न केवल इस सेक्टर की नवीन प्रविधियों का लाभ मिलेगा बल्कि पशुओं को बीमारियों से बचाने में भी काफी मदद मिलेगी......

पूर्वांचल में पशुपालन का होगा कायाकल्प, गोरखपुर में खुलेगा वेटनरी मेडिकल कॉलेज, जमीन की गई चिन्हित

गोरखपुर: पशु संपदा के लिहाज से बेहद संपन्न पूर्वांचल में पशुपालन व दुग्ध उद्योग को बढ़ावा देकर योगी सरकार पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसानों की स्थिति और सेहत दोनों सुधारेगी. इसी के दृष्टिगत गोरखपुर में वेटनरी मेडिकल कॉलेज की स्थापना होने जा रही है. इसके लिए सरकार ने बजटीय प्रावधान पहले ही कर दिया था, अब वेटनरी मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन भी फाइनल हो गई है. अगले एक-दो माह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इसका शिलान्यास कर सकते हैं. वेटनरी मेडिकल कॉलेज के बनने से पूर्वी उत्तर प्रदेश के पशुपालकों, लघु एवं सीमांत किसानों, खेतिहर मजदूरों को अपनी आजीविका को बेहतर करने एवं पशुपालन आधारित व्यापार को बढ़ाने के लिए नई तकनीकों की जानकारी आसानी से मुहैया होगी. मालूम हो कि एक दुधारू पशु किसी किसान के लिए रोज की नकदी जैसा होता है। इस लिहाज से पूर्वांचल के लिए यह पहल मील का पत्थर बनेगी.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ किसानों, पशुपालकों व महिलाओं की आजीविका तथा आय में वृद्धि के लिए पशुपालन और डेयरी सेक्टर को बढ़ावा देने पर जोर देते रहे हैं. पूर्वी उत्तर प्रदेश के अपने कार्यक्रमों में वह इसके लिए बुंदेलखंड की बलिनी मिल्क प्रोड्यूसर कम्पनी का उदाहरण भी देते हैं जो वहां पशुपालकों व स्वयंसेवी समूह से जुड़ी महिलाओं के जीवन में खुशहाली का बड़ा आधार बनी है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में पशुपालन को नवीन तकनीक व अनुसंधान से लाभान्वित करने के लिए ही गोरखपुर में वेटनरी मेडिकल कॉलेज की परिकल्पना अब साकार होने जा रही है। इसके लिए थोड़ी दिक्कत जमीन की थी, लेकिन यह समस्या भी अब दूर हो गई है। फर्टिलाइजर कैंपस में लगभग 48 एकड़ जमीन वेटनरी मेडिकल कॉलेज (पशु चिकित्सा महाविद्यालय) के लिए देखी गई है. उसे एक्सपोर्ट कमेटी द्वारा स्वीकार भी कर लिया गया है.

पशुओं को बीमारियों से बचाने में मिलेगी मदद
पूर्वी उत्तर प्रदेश में इस कॉलेज के खुलने से पशुपालकों को न केवल इस सेक्टर की नवीन प्रविधियों का लाभ मिलेगा बल्कि पशुओं को बीमारियों से बचाने में भी काफी मदद मिलेगी. जानवरों से मनुष्य एवं मनुष्यों से जानवरों में फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम हेतु बीआरडी मेडिकल कॉलेज एनआईबी एवं पशु चिकित्सा महाविद्यालय मिलकर काम करेंगे ताकि इस क्षेत्र में जूनोटिक बीमारियों के प्रभाव को कम किया जा सके.

व्यय वित्त समिति से मिल चुकी है मंजूरी
वेटनरी मेडिकल कालेज के निर्माण को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की गंभीरता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने पूर्व में ही इसके लिए 40 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान कर रखा है. लोक निर्माण विभाग की तरफ से इसके निर्माण के लिए बनाई गई 425 करोड़ रुपये की प्राथमिक डीपीआर को व्यय वित्त समिति की मंजूरी भी मिल चुकी है.

वेटनरी मेडिकल कॉलेज को भविष्य में विश्वविद्यालय बनाने की भी तैयारी
गोरखपुर के वेटनरी मेडिकल कॉलेज में शुरू के वर्षों में 100 सीट के साथ अंडर ग्रेजुएट कोर्स शुरू किए जाएंगे. बाद के वर्षों में यहां पोस्ट ग्रेजुएट एवं डॉक्टरेट के कोर्स भी चलेंगे. इस कॉलेज को पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गौ अनुसंधान केंद्र मथुरा से संबद्ध किया जाएगा. यहां आने वाले वर्षों में फिशरीज, फॉरेस्ट्री एवं डेयरी के कोर्स भी चलाए जाएंगे वेटनरी मेडिकल कॉलेज का स्वरूप ऐसा रखा जाएगा कि भविष्य में यह विश्वविद्यालय का भी रूप ले सके. गोरखपुर का वेटनरी मेडिकल कॉलेज ''स्टेट ऑफ आर्ट'' की तर्ज पर निर्मित होगा. चिन्हित जमीन का निरीक्षण कर निर्माण कार्य को हरी झंडी दिखाने के लिए जल्द ही पंडित दीनदयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा महाविद्यालय एवम गो अनुसंधान केंद्र मथुरा के कुलपति का दौरा होगा.

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