Aligarh: कौन हैं राजा महेंद्र प्रताप सिंह, जिनको भारत रत्न दिलाने के साथ पाठ्यक्रम में शामिल करने की उठी मांग
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Aligarh: कौन हैं राजा महेंद्र प्रताप सिंह, जिनको भारत रत्न दिलाने के साथ पाठ्यक्रम में शामिल करने की उठी मांग

 Aligarh news: स्वतंत्रता सेनानी राजा महेंद्र प्रताप सिंह को भारत रत्न दिलाने की मांग को लेकर सोमवार को राजा महेंद्र प्रताप सम्मान मंच ने प्रेसवार्ता आयोजित की. जिसमें उनको भारत रत्न देने के साथ शैक्षणिक पाठ्यक्रम में उनको स्थान देने की मांग की गई.  

Aligarh: कौन हैं राजा महेंद्र प्रताप सिंह, जिनको भारत रत्न दिलाने के साथ पाठ्यक्रम में शामिल करने की उठी मांग

प्रमोद कुमार/अलीगढ़: अफगानिस्तान में पहली निर्वासित सरकार बनाने वाले स्वतंत्रता सेनानी और जाट नेता राजा महेंद्र प्रताप सिंह को भारत रत्न दिलाने की मांग को लेकर सोमवार को राजा महेंद्र प्रताप सम्मान मंच ने प्रेसवार्ता आयोजित की. जिसमें उनको भारत रत्न देने के साथ शैक्षणिक पाठ्यक्रम में उनको स्थान देने की मांग की गई.  

संस्था के पदाधिकारियों के साथ इतिहासकार डॉ किशन बहादुर सक्सेना ने कहा, '' राजा महेंद्र प्रताप भारत की उस संस्कृति की अमिट विरासत हैं, जिनको आप सम्मान दें ना दें भारत रत्न मिले ना मिले इतिहास में वह अमिट हैं उनके उस योगदान, उनकी जो भूमिका है, उसे कोई मिटा नहीं सकता. क्या सामाजिक समरसता, क्या विश्व में शांति की स्थाई योजना का दर्शन जो संसार धर्म, प्रेम धर्म और इस देश के अंदर तकनीकी वैज्ञानिक शिक्षा की व्यवस्था का प्रारंभ उन्हीं के द्वारा हुआ.''

उन्होंने आगे कहा, ''आजादी के लिए देश विदेश में राजा महेंद्र प्रताप का योगदान अहम है. राजनीतक,सामाजिक, सांस्कृतिक सभी प्रकार का योगदान एक ऐसे एक ही व्यक्ति के अंदर अभूतपूर्व रूप से था. इसीलिए हमारे मंच के साथ संपूर्ण राष्ट्र को पहल करनी चाहिए कि उन्हें सरकार भारत रत्न उपाधि देकर भारत रत्न का सम्मान करें और पाठ्यक्रम में आठवीं क्लास से लेकर लगातार उनके नाम पर जो विश्वविद्यालय बन गया है, उसमें राजा महेंद्र प्रताप रिसर्च सेंटर और राजा महेंद्र प्रताप चेयर की स्थापना की जाए ताकि उनके कार्यों का गहन अध्ययन हो सके.''

राजा महेंद्र प्रताप सम्मान मंच के संयोजक अनूप शर्मा ने कहा कि राजा साहब ने जो देश की स्वतंत्रता आंदोलन में अपना योगदान दिया. लगभग 38 वर्ष तक विदेशों में भिन्न-भिन्न देशों में अपनी भारत की स्वतंत्रता के लिए मुहिम चलाते रहे. हम इस मंच के द्वारा एक जन जागरण अभियान चलाकर राजा साहब के बारे में ज्यादा से ज्यादा बताकर समाज को जागृत करेंगे और भारत रत्न के साथ शैक्षणिक पाठ्यक्रम में उनको स्थान दिलाने की मांग करेंगे, जिससे विद्यार्थी और समाज उनको जान सके. 

उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि उनको जल्द से जल्द भारत रत्न दिया जाए और अभी जो योगी सरकार ने 40 से 50 महापुरुषों को पाठ्यक्रम में जोड़ा है. हम अपनी बात उस वक्त नहीं कह पाए थे लेकिन अब हम चाहते हैं कि राजा साहब का भी पाठ्यक्रम शामिल किया जाए. इसके लिए बाकायदा हम मुहिम चलाएंगे और लोगों को जागरूक करने का काम करेंगे. 

कौन हैं राजा महेंद्र प्रताप सिंह?
राजा महेंद्र प्रताप सिंह की जन्मस्थली हाथरस का कस्बा मुरसान है. उन्होंने 32 वर्ष निर्वासित रहकर देश की आजादी के लिए जंग लड़ी और अफगानिस्तान के काबुल में 1915 में बनी अंतरिम सरकार में वह राष्ट्रपति रहे. अपने जीवन काल में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी,वृंदावन के प्रेम महाविद्यालय सहित कई शिक्षण संस्थानों की स्थापना में जमीन आदि के जरिए महत्वपूर्ण योगदान दिया था. वह 1957 में मथुरा लोकसभा सीट से सांसद भी चुने गए थे. उनके नाम पर अलीगढ़ में विश्वविद्यालय की स्थापना हुई है. 

 

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