Gajar Ka Halwa : कड़ाके की ठंड के बीच अगर गाजर का हलवा नहीं खाय तो क्या खाया. क्या आप जानते हैं गाजर का हलवा सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. चलिए आपको इसके फायदे बताते हैं.
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Gajar Ka Halwa : कड़ाके की ठंड के बीच अगर गाजर का हलवा नहीं खाय तो क्या खाया. तभी तो उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव पत्नी डिंपल यादव के साथ गाजर का हलवा खाने पहुंचे. दरअसल नए साल के दूसरे दिन अखिलेश मैनपुरी के एक चर्चित रेस्टोरेंट में पकवान का स्वाद लेने पहुंचे. साथ में पत्नी डिंपल यादव भी थी. दोनों ने वहां गाजर का हलवा चखा. क्या आप जानते हैं गाजर का हलवा सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होता है. चलिए आपको इसके फायदे बताते हैं.
गाजर है सुपरफूड
बता दें कि गाजर को सर्दियों का सुपरफूड कहा जाता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं, आधे कप गाजर में 25 कैलोरी, 6 ग्राम कार्बोहाइड्रेट, 2 ग्राम फाइबर, 3 ग्राम शुगर और 0.5 ग्राम प्रोटीन होता है. गाजर में विटामिन A, K, C, पोटेशियम, फाइबर कैल्शियम और आयरन जैसे सभी जरूरी विटामिन और मिनरल्स होते हैं. गाजर में एक मजबूत एंटीऑक्सीडेंट भी पाया जाता है जो बहुत लाभदायक होता है.
गाजर का हलवा बनाने के लिए मूल सामग्री गाजर ही है. हलवे में दूध के अलावा काजू और किशमिश डालते है. ऐसे में हलवे में प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट की मात्रा बढ़ जाती है. हलवे में शुद्ध घी आपके शरीर को सर्दियों में होने वाले दर्द को कम करने के लिए जरूरी गुड फैट देता है. जो कि घुटने के दर्द को राहत देता है. इसीलिए विंटर के मौसम में गाजर का हलवा बड़े ही चाख से खाया और खिलाया जाता है. गरमा-गरम गाजर का हलवा ठंड के दिनों में खाने से कई हेल्थ बेनिफिट है.
सर्दियों के मौसम महिलाओं के साथ- साथ में बुजुर्गों के घुटने में जोड़ों के दर्द की शिकायत आम बात है. ऐसे में गाजर का हलवा जहां स्वाद में मिठास घोलता है तो वहीं इनके लिए दर्द में रामबाण साबित है. गाजर का हलवा में दूध मिलाकर बनाया जाता है. चूंकि दूध में पकने के बाद इसकी न्यूटिशयन वैल्यू बढ़ जाती है. दूध में लंबे वक्त तक उबाल आने और धीमी आंच में पकने से इस डिश में कैल्शियम और प्रोटीन के साथ मिठाई की न्यूटिशयन वैल्यू बढ़ जाती है. बता दें कि दूध हड्डियों के घनत्व में सुधार और पोरस बोन की स्थिति को भी रोकने में मदद करता है.