विश्व हिन्दू परिषद मध्य भारत प्रांत की ओर से एक बयान में क्रिसमस को लेकर कुछ स्कूलों पर सवाल उठाए गए हैं. संगठन ने कहा है कि कुछ स्कूल बच्चों को जबरन सांता क्लॉज बनाकर ईसाई धर्म की ओर प्रेरित कर रहे हैं.
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लखनऊ: देश भर में क्रिसमस का त्योहार मनाया जा रहा है, लेकिन विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की ओर इस मौके पर एक बयान से बवाल मच सकता है. विहिप मध्य भारत प्रान्त ने अपने क्षेत्र में सभी स्कूलों से हिन्दू बच्चों को सांता क्लॉज की पोशाक नहीं पहनाने की गुजारिश की है. विहिप ने चेतावनी दी है कि यदि कोई स्कूल ऐसा करता है तो उसके खिलाफ परिषद कानूनी कार्रवाई करेगी.
विहिप ने कहा बच्चों को ईसाई धर्म की ओर ले जाया जा रहा
विश्व हिंदू परिषद मध्य भारत प्रान्त के मीडिया प्रमुख जितेंद्र चौहान ने शनिवार को विज्ञप्ति जारी की. इसमें कहा गया है कि परिषद मध्य भारत प्रान्त के सभी स्कूलों में जो छात्र सनातन हिन्दू धर्म और परंपरा को मानते हैं, उन्हें स्कूल में होने वाले क्रिसमस के प्रोग्राम में सांता क्लॉज बना रहे हैं और क्रिसमस ट्री भी लाने के लिए कहा जा रहा है. विहिप का कहना है कि यह हमारी हिन्दू संस्कृति पर दखल है. बयान में कहा गया है कि यह हिंदू बच्चों को ईसाई धर्म की ओर ले जाने की साजिश है. यही नहीं इससे अभिभावकों पर आर्थिक बोझ भी पड़ेगा.
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विहिप की चेतावनी
विहिप ने सवाल किया गया कि क्या ये स्कूल हिंदू बच्चों को सांता बनाकर ईसाई धर्म के प्रति श्रद्धा और आस्था पैदा करने का काम कर रहा है. विहिप ने नसीहत दी है कि हमारे हिंदू बच्चे राम बने, कृष्ण बने, बुद्ध बने, गौतम, महावीर बने, गुरु गोविंद सिंह बने, यह सब तो बनना चाहिए. हिंदू बच्चे क्रांतिकारी बने, महापुरुष बने, परंतु सांता (सांता क्लॉस) नहीं बनना चाहिए. ये भारत भूमि संतों की भूमि है, सांता की नहीं. विहिप का कहना है कि "अतः सभी स्कूलों से गुजारिश है कि हिन्दू बच्चों को अभिभावकों की इजाजत के बिना सांता क्लॉज नहीं बनाये.