उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में मां दुर्गा के प्रसिद्ध मंदिर हैं. ये स्थान सिद्धपीठ के रूप में जाने जाते हैं. ये स्थान सिद्धपीठ इसलिए कहलाते हैं क्योंकि यहां भक्तों की मनोकामनाएं माता पूरी करती हैं.
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देहरादून : इन दिनों चैत्र नवरात्र चल रही है. उत्तराखंड को देव भूमि कहा जाता है. यहां 11 प्रसिद्ध शक्तिपीठों में दर्शन करने हर साल हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं. आज हम आपको इन शक्तिपीछों के बारे में बता रहे हैं. इन शक्तिपीठों में न केवल देश के बल्कि विदेशों से भी सालभर श्रद्धालुओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहता है.
1. मनसा देवी मंदिर, हरिद्वार : मनसा देवी को भगवान शिव की मानस पुत्री कहा जाता है. इनका प्रादुर्भाव मस्तक से हुआ है इसलिए इनका नाम मनसा पड़ा. इन्हें नागराज वासुकी की बहन के रूप में भी पूजते हैं.
2. दूनागिरि मंदिर, द्वाराहाट : मां दूनागिरि मंदिर द्वाराहाट से लगभग 14 किलोमीटर की दूरी पर इस भव्य मंदिर में मां दूनागिरि वैष्णवी रूप में पूजी जाती हैं.
3. मां पूर्णागिरि मंदिर (चंपावत) : प्रसिद्ध सिद्धपीठों में से एक मां पूर्णागिरि मंदिर टनकपुर से लगभग 21 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. चैत्र की नवरात्रि के दौरान बड़ी संख्या में भक्त यहां दर्शन के लिए आते हैं.
4.नंदा देवी मंदिर (कुरुड़) : कुरुड़ में नंदा देवी का मंदिर गांव के शीर्ष पर देवसरि तोक पर स्थित है. कुरुड़ नंदा को राजराजेश्वरी के नाम से भी जाना जाता है.
5- अखिलतारिणी मन्दिर (लोहाघाट, चम्पावत) : मां अखिलतारणी मंदिर को उप शक्तिपीठ माना जाता है जो घने हरे देवदार वनों के बीच में स्थित है. मान्यता के मुताबिक यहां पांडवों ने घटोत्कच का सिर पाने के लिए मां भगवती से प्रार्थना की थी.
6- चैती बाल सुंदरी मंदिर (काशीपुर) : माता चैती (बाल सुंदरी) मंदिर काशीपुर में स्थित है. यहां चैती मेला के नाम से चैत्र मास में प्रसिद्ध मेला लगता है. आदिशक्ति की बाल रूप में पूजा होने के कारण इसे बाल सुंदरी मंदिर कहा जाता है.
7- नैना देवी मंदिर (नैनीताल) : नैनीताल में नैनी झील के उत्तरी किनारे पर नैना देवी मंदिर स्थित है. यहां मां दुर्गा के सती के शक्ति रूप की पूजा की जाती है. मंदिर में दो नेत्र हैं जो नैना देवी को दर्शाते हैं.
8- कसार देवी मंदिर (अल्मोड़ा) : अल्मोड़ा में कसार पर्वत पर स्थित कसार देवी मंदिर अद्वितीय और चुंबकीय शक्ति का केंद्र माना जाता है. कहा जाता है इस शक्तिपीठ में मां दुर्गा साक्षात प्रकट हुई थीं.
9.चंडी देवी मंदिर (हरिद्वार) : यह मां दुर्गा के प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है. देश के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में शामिल चंडी देवी मंदिर नील पर्वत के शिखर पर स्थित है. ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर की मूर्ति को महान संत आदि शंकराचार्य ने आठवीं शताब्दी में स्थापित किया था.
10- चंद्रबनी मंदिर (देवप्रयाग) : देवप्रयाग में स्थित मां चन्द्रबदनी मंदिर शक्तिपीठों और माता सती के पवित्र स्थलों में से एक है. शक्तिपीठ चंद्रकूट पर्वत के ऊपर स्थित इस मंदिर में हमेशा भक्तों की भीड़ लगी रहती है.
11.सुरकंडा देवी मंदिर (टिहरी) : सुरकंडा देवी मंदिर टिहरी क्षेत्र में सुरकुट पर्वत पर लगभग 2757 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यह प्रसिद्ध शक्तिपीठों में से एक है.
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