अखिलेश के बिना यूपी विधानसभा में कैसे लड़ेगी सपा, दिल्ली से लौटे सीएम-डिप्टी सीएम के साथ भाजपा क्या अपनाएगी आक्रामक तेवर
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अखिलेश के बिना यूपी विधानसभा में कैसे लड़ेगी सपा, दिल्ली से लौटे सीएम-डिप्टी सीएम के साथ भाजपा क्या अपनाएगी आक्रामक तेवर

UP Assembly Monsoon Session 2024 : अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव 2024 जीतने के बाद दिल्‍ली की राजनीति चुनी. यूपी की राजनीति से दूरी बना ली. अखिलेश यादव यूपी विधानसभा में पहली बार 2022 में नेता प्रतिपक्ष चुने गए थे.

CM Yogi Adityanath and Akhilesh Yadav

UP Assembly Monsoon Session 2024 : यूपी विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है. इस बार विधानसभा सत्र में बहुत कुछ नया देखने को मिलेगा. पहली बार सदन में विपक्ष के तौर पर सपा का सबसे बड़ा चेहरा गायब रहेगा. नेता प्रतिपक्ष के रूप में 81 वर्षीय माता प्रसाद पांडेय आक्रामक अंदाज में दिखेंगे. विपक्ष के तौर पर सपा-कांग्रेस बेरोजगारी, महंगाई और आरक्षण मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे. 

मार्च 2022 में नेता प्रतिपक्ष बनाए गए थे अखिलेश यादव  
दरअसल, अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव 2024 जीतने के बाद दिल्‍ली की राजनीति चुनी. यूपी की राजनीति से दूरी बना ली. अखिलेश यादव यूपी विधानसभा में पहली बार 2022 में नेता प्रतिपक्ष चुने गए थे. उससे पहले 2017 के चुनाव में नेता प्रतिपक्ष के तौर पर राम गोविंद चौधरी नेता सदन बनाए गए थे. अब 2024 में यूपी विधानसभा में अखिलेश यादव की जगह माता प्रसाद पांडेय नेता प्रतिपक्ष के तौर पर सदन में दिखाई देंगे. अखिलेश के अलावा सपा के बाकी नेताओं में ज्‍यादातर नेता बुजुर्ग बचे हैं. 

क्‍या सदन में भी दिखेगी बीजेपी के अंदरखाने की खींचतान? 
वहीं, विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले योगी सरकार अपने विधायकों के साथ बैठक करेगी. बैठक में देखना होगा कि दिल्‍ली में पीएम मोदी और दोनों डिप्‍टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या व ब्रजेश पाठक के वापस लौटने के बाद सीएम योगी के सामने कैसा रुख रहता है. यह भी देखना होगा कि सीएम योगी की बैठक में दोनों डिप्‍टी सीएम शामिल होंगे या नहीं.

सपा के संस्‍थापक सदस्‍य में शामिल शिवपाल का रुख?  
सदन में सपा के वरिष्‍ठ नेता शिवपाल यादव का भी रुख देखने होगा. समाजवादी पार्टी के सबसे वरिष्‍ठ नेता होने और संस्‍थापक सदस्‍य में शामिल होने के बाद भी शिवपाल यादव हाशिये पर हैं. ऐसे में माता प्रसाद पांडेय के साथ शिवपाल यादव का रुख देखने लायक होगा. सरकार के सामने आक्रामकता दिखाएंगे या नरमी बरतेंगे?. 

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