UP Politics: दिल्ली चुनाव में अखिलेश होंगे केजरीवाल के साथ, कांग्रेस को फिर दिखाया ठेंगा
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UP Politics: दिल्ली चुनाव में अखिलेश होंगे केजरीवाल के साथ, कांग्रेस को फिर दिखाया ठेंगा

UP Politics:  समाजवदी पार्टी और कांग्रेस के बीच तल्ख़ियां कम होती नहीं दिख रही हैं. सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल को समर्थन देने का ऐलान किया है. जिसके सियासी मायने निकाले जा रहे हैं.

 

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UP Politics: राजनीति के नजरिए सोमवार को आई एक तस्वीर चर्चा में बनी है. इसमें सपा प्रमुख अखिलेश यादव अरविंद केजरीवाल के साथ मंच साझा करते हुए दिखाई दिए. इस दौरान अखिलेश यादव ने न केवल अरविंद केजरीवाल की तारीफ में जमकर कसीदे पढ़े बल्कि दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को पूर्ण समर्थन देने की बात भी कही. ऐसे में सियासी गलियारों में राहुल गांधी से नाराजगी और केजरीवाल से नजदीकी को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है.

केजरीवाल की तारीफ में क्या बोले अखिलेश?
अखिलेश यादव ने अरविंद केजरीवाल की तारीफ करते हुए कहा कि जिस पार्टी को माताओं और बहनों का साथ मिल जाए, वो पार्टी कभी हार नहीं सकती है. आप सरकार ने महिलाओं को 2,100 रुपये हर महीने देने का जो वादा किया है, वह काफी सराहनीय पहल है. उन्होंने आम आदमी पार्टी को पूर्ण समर्थन देने की बात भी कही. साथ ही कहा कि सपा पूरी जिम्मेदारी के साथ आप के साथ खड़ी है. जहां भी जरूरत होगी हम आपके साथ दिखाई देंगे.

'आप' को सहारा कांग्रेस से किनारा?
सपा प्रमुख के दिल्ली चुनाव में अरविंद केजरीवाल का खुलकर समर्थन करने के पीछे सियासी रणनीति और हालिया राजनीतिक घटनाक्रम भी माने जा रहे हैं.
समाजवादी पार्टी ने हाल में महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गठबंधन से अलग होने का ऐलान किया. जबकि सपा महासचिव रामगोपाल यादव भी कह चुके हैं कि राहुल गांधी इंडिया गठबंधन के नेता नहीं हैं. दिल्ली में केजरीवाल ने कांग्रेस से गठबंधन नहीं करने और अकेले चुनाव का ऐलान किया. इसके बाद अखिलेश यादव ने मंच से आप सरकार की तारीफ में कसीदे पढ़े. इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि सपा कांग्रेस से किनारा करती दिख रही है.

'हाथ' क्यों छिटक रहे अखिलेश?
कांग्रेस से खटास की प्रमुख वजह सीट बंटवारे को लेकर खींचतान मानी जा रही है. मध्यप्रदेश से लेकर हरियाणा में कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी के लिए एक भी सीट नहीं छोड़ी. महाराष्ट्र में भी आखिरी वक्त में सपा को दो सीटें ही दी गईं. गठबंधन में साइडलाइन होने के चलते अखिलेश यादव नाराज दिखे. यही नहीं संसद में भी सीट अरेंजमेंट से लेकर संभल मुद्दा जोरशोर से न उठाने को लेकर अखिलेश-कांग्रेस में खटपट दिखी. राहुल गांधी की अगुवाई में जब संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन हुआ तो सपा सांसद इसमें नहीं दिखाई पड़े. यही नहीं अखिलेश ने महाराष्ट्र में एमवीए को झटका देते हुए अकेले BMC चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.

 

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