18वीं लोकसभा के पहले सत्र की शुरुआत हो चुकी है. संसद सत्र के पहले और दूसरे दिन सांसदों को शपथ दिलाई गई. शपथ ग्रहण के बाद सांसद लोकसभा के आधिकारिक सदस्य बन गए हैं. शपथ लेने के बाद ये माननीय सांसद कहलाते हैं.
सांसदों को कई सरकारी सुविधाएं भी मिलने लगती हैं. साथ ही उन्हें कई सरकारी सुविधाएं मिलनी शुरू हो जाती हैं.
संसद का आधिकारिक सदस्य बनने के बाद सबसे खास है लुटियंस दिल्ली में मिलने वाला सरकारी बंगला. हर महीने वेतन और पेंशन, मुफ्त हवाई, रेल और सड़क यात्रा, फ्री टेलीफोन और इंटरनेट सुविधा. 4-
सांसदों को सैलरी के साथ कई अन्य सुविधाएं भी मिलती हैं. बता दें कि संसद सदस्य (वेतन, भत्ता और पेंशन) अधिनियम 1954 के तहत एक सांसद को सैलरी और अन्य सुविधाएं दी जाती हैं.
जानकारी के मुताबिक सांसद को महीने में 1 लाख रुपये वेतन के रूप में मिलता है. 1 अप्रैल 2023 से एक नया नियम लागू किया गया था, जिसके तहत सांसदों की सैलरी और दैनिक भत्ते में हर पांच साल के बाद बढ़ोतरी की जाएगी.
किसी सदन के सत्र में या किसी समिति की बैठक में उपस्थित होने या संसद सदस्य से जुड़े किसी भी काम से यात्रा करने पर अलग भत्ता दिया जाता है. वहीं सासंद जब सड़क मार्ग के जरिए यात्रा करते हैं, तो उन्हें 16 रुपये प्रति किमी के हिसाब से अलग भत्ता मिलता है.
वहीं सरकारी काम के सिलसिले में विदेश जाने पर भी सांसद को सरकारी भत्ता दिया जाता है. इसके अलावा सांसद को सरकारी खर्च पर सुरक्षाकर्मी और केयर-टेकर भी मिलते हैं.
सांसद को हर महीने 70 हजार रुपये निर्वाचन क्षेत्र भत्ते के रूप में मिलते हैं. वहीं सांसद को दिल्ली स्थित अपने निवास या दिल्ली के कार्यालय में टेलिफोन लगवाने पर कोई चार्ज नहीं देना होता है.
सारे बिलों का खर्च सरकार उठाती है. वहीं उसे 50 हजार फ्री लोकल कॉल की सुविधा मिलती है. वहीं एक सांसद को कार्यालय व्यय भत्ते के रूप में हर महीने 60 हजार रुपये मिलते हैं.
एक सांसद को एक रेलवे पास भी दिया जाता है. इससे वह किसी भी समय रेलवे से मुफ्त में यात्रा कर सकता है. किसी भी ट्रेन की फर्स्ट क्लास एसी या एग्जिक्यूटिव क्लास में पास मान्य होता है.
इसके अलावा हर सांसद को मेडिकल सुविधाएं भी मिलती है. सरकारी या रेफर कराने के बाद किसी प्राइवेट अस्पताल में अगर इलाज, ऑपरेशन होता है, तो उस इलाज का पूरा खर्च सरकार उठाती है.