Sambal News: आल्हा ऊदल की हजार साल पुरानी पहचान जमींदोज, पृथ्वीराज चौहान को भरे दरबार में दी थी चुनौती
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Sambal News: आल्हा ऊदल की हजार साल पुरानी पहचान जमींदोज, पृथ्वीराज चौहान को भरे दरबार में दी थी चुनौती

Sambhal News: संभल में कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से शहर की पहचान और ऐतिहासिक धरोहर चक्की का पाट गिरकर जमींदोज हो गया.  यह पाट लगभग 1 हजार वर्षों से 15 फीट ऊंची दीवार पर टंगा था.

Sambhal historic chakki ka paat

सुनील सिंह/संभल: यूपी के संभल में कई दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से शहर की पहचान और ऐतिहासिक धरोहर चक्की का पाट गिरकर जमींदोज हो गया.  यह पाट लगभग 1 हजार वर्षों से 15 फीट ऊंची दीवार पर टंगा था. इस पाट क इतिहास राजपूत राजा पृथ्वी राज चौहान और कन्नौज नरेश जयचंद की पुत्री संयोगिता से जुड़ा है. सामाजिक और राजनैतिक संगठन से जुड़े लोग काफी समय से ऐतिहासिक धरोहर चक्की के पाठ के संरक्षण की मांग कर रहे थे.

1 हजार साल से दीवार पर टंगा पाट 
संभल ऐतिहासिक और पौराणिक शहर है, स्कंद पुराण में भी इसका उल्लेख है. संभल को राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान की राजधानी भी माना जाता है, राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान के काल के एक किस्से से जुड़ा भारी भरकम पत्थर का चक्की का पाट लगभग 1 हजार वर्षों से शहर के मुख्य बाजार में ऐतिहासिक इमारत की कई फिट ऊंची दीवार पर टंगा था.

जयचंद की बेटी और पृथ्वीराज चौहान से जुड़ा किस्सा
ऐतिहासिक धरोहर चक्की का यह पाट राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान और कन्नौज के नरेश जयचंद की पुत्री संयोगिता से जुड़ा हुआ है. बताया जाता है कि संभल राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान की राजधानी था. राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान ने कन्नौज नरेश जयचंद की पुत्री का हरण करने के बाद संभल में एक भवन के कई मंजिल पर बने एक कमरे में रखा था.

संयोगिता का पता लगाने संभल आए आल्हा ऊदल 
राजा जयचंद ने यह पता लगाने के लिए अपनी सेना के बाहुबली आल्हा ऊदल को यह पता लगाने के लिए संभल भेजा था कि संयोगिता को किस स्थान पर रखा गया है, आल्हा ऊदल यह पता लगाने के लिए कलाबाज नट का भेष रखकर संभल आए थे और यह पता लगा लिया था की संयोगिता को किस भवन में  रखा गया है. 

आल्हा ऊदल ने टांगा था पाट
संयोगिता को भवन की किस मंजिल पर बने कमरे में रखा गया है, इस जानकारी का पता लगाने के लिए बाहुबली आल्हा ने नट की कला का प्रदर्शन का बहाना लेकर भवन की 60 फीट की ऊंचाई पर बने कमरे की खिड़की में झांकने के लिए एक ही छलांग में पत्थर का बना चक्की का पाट 60 फिट ऊंची दीवार पर टांग दिया था. इस बात का भी पता लगा लिया था की संयोगिता उक्त कमरे में मौजूद हैं, तभी से यह चक्की का पाट दीवार पर टंगा हुआ था.

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