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Ravi Kishan: पुजारी का बेटा जिसकी हुई थी खूब पिटाई, 500 रुपये लेकर घर से निकला यह शख्स आज एक्टिंग व राजनीति में है बड़ा नाम

Ravi Kishan troubled relationship with father: बॉलीवुड और भोजपूरी फिल्म इंडस्ट्री में आज एक पुजारी का बेटा शोहरत कमा रहा है. राजनीति में भी अच्छा खासा नाम बना रहे हैं और जिनके पिता को अंतिम समय में उन पर गर्व था. हम बात कर रहे हैं रवि किशन की.

पुजारी का बेटा

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पुजारी का बेटा

वह पुजारी का बेटा आज एक्टिंग स्किल में शानदार, गायकी दमदार, कुल मिलाकर मनोरंजन की पुड़िया और मौजूदा समय में राजनीति का एक जानामाना चेहरा है. 

एक्टिंग स्किल में शानदार

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एक्टिंग स्किल में शानदार

वह पुजारी का बेटा आज एक्टिंग स्किल में शानदार, गायकी दमदार, कुल मिलाकर मनोरंजन की पुड़िया और मौजूदा समय में राजनीति का एक जानामाना चेहरा है. 

आलिशान जीवन

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आलिशान जीवन

हम बात कर रहे हैं रवि किशन की जो आज आलिशान जीवन तो जी रहे हैं लेकिन उनके करियर का शुरुआती समय इतना भी सरल और सुविधाजनक हीं था.   

करियर

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 करियर

रवि किशन का घर उनके बचपन के समय से ही चढ़ावे के पैसे से चलता लेकिन उनकी एक्टिंग ने उन्हें शोहर के साथ पैसा भी दिया, उनके करियर ने उनके घर और उनके जीवन की पूरी दिशा और दशा ही बदल दी.   

पिता के साथ मधुर रिश्ते नहीं

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पिता के साथ मधुर रिश्ते नहीं

वैसे तो रवि किशन के पिता के साथ मधुर रिश्ते नहीं रहे लेकिन अपने अंतिम दिनों में पिताजी को अपने लायक बेट पर गर्व जरूर हुआ.   

'लापता लेडीज'

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 'लापता लेडीज'

हाल के समय में फिल्म 'लापता लेडीज' व वेब सीरीज 'मामला लीगल है' से चर्चा बटोर रहे रवि किशन ने अपने पिता के साथ खराब रिश्ते के बारे में हाल फिलहाल में खुलासा किया था.   

बेटे की तरक्की

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बेटे की तरक्की

उन्होंने बताया था कि कैसे रामलीला में भाग लेने पर पिता हैरान रह गए और इसके लिए बेटे को सजा भी दी. लेकिन बाद में बेटे की तरक्की देख आंसू नहीं रोक पाए.  

17 साल की उम्र में

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17 साल की उम्र में

एक इंटरव्यू में रवि ने कहा पिता के गुस्से की वजह से उन्हें घर से 17 साल की उम्र में ही भागना पड़ा था. उन्होंने बताया कि मेरे पिता मुझे हथौड़े से मार रहे थे और मुझे मार देना चाहता थे. फिर मेरी मां ने कहा 'भाग जाओ.  

पुजारी बनूं

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पुजारी बनूं

रवि ने आगे कहा कि मेरे जेब में केवल 500 रुपये थे. मैंने मुंबई की ट्रेन ले ली. अपने पिता के व्यवहार को रवि ने ठीक ठहराया और कहा कि पिता जी पुजारी थे और एक ब्राह्मण थे जिसके नाते वो चाहते थे कि मैं खेती करूं या पुजारी बनूं. कोई सरकारी नौकरी कर लूं.   

कलाकार

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कलाकार

रवि किशन ने बताया कि पिता जी ने कभी ये नहीं सोचा कि कोई कलाकार उनके घर में पैदा हो सकता है.   

आंखों में आंसू

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आंखों में आंसू

रवि किशन ने आगे कहा कि अपने आखिरी दिनों में उनके पिता उनसे खुश थे क्योंकि बहुत पैसा कमाना शुरू कर दिया था उन्होंने. निधन से पहले उनके पिता की आंखों में आंसू थे. उन्होंने कहा था 'तुम हमारे गौरव हो'.