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famous spiritual gurus: सिपाही-इंजीनियर से लेकर 10वीं फेल तक... कैसे बन गए बाबा, आज लाखों अनुयायी और करोड़ों की संपत्ति

famous spiritual gurus: नारायण साकार हरि या साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा पहले यूपी पुलिस में दारोगा की नौकरी किया करता था और आज करोड़ों का मालिक है. डॉक्टर, इंजीनियर तो कोई 10वीं फेल बन गए बाबा, आज हैं करोड़ों की संपत्ति के मालिक

भोलेनाथ बाबा

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भोलेनाथ  बाबा

उत्तर प्रदेश के हाथरस में जिस भोले बाबा के सत्संग में बड़ा हादसा हुआ उस बाबा का असली नाम सूरज पाल सिंह है जो पहले पुलिस विभाग में कांस्टेबल की नौकरी करता था और साल 1990 के करीब पुलिस कीनौकरी छोड़ दी. ऐसी मीडिया रिपोर्ट आती हैं कि बाबा को किसी मामले में गिरफ्तार कर लिया गया था. जेल से छूटकर नाम और पहचान बदलकर बदलने के बाद वह बाबा बन गया. 'साकार विश्व हरि भोले बाबा' के नाम से आग जाकर वह मशहूर भी हुआ. उसका असली नाम सूरज पाल है.

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पिता एक पुजारी हैं. कहते हैं कि धीरेंद्र शास्त्री जी को भगवान हनुमान ने ही बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर बनने का निर्देश दिया. हनुमान जी ने ही समाज सेवा करने का भी निर्देश दिया. अपनी प्रारंभिक शिक्षा धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री ने गढ़ा गांव के सरकारी स्कूल से पूरी की और फिर बीए की डिग्री हासिल की.

आठवीं पास

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आठवीं पास

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को लेकर कुछ लोंगो कहते हैं कि उन्होंने आठवीं पास की है. धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जब 12 साल के थे तब से ही प्रवचन देने लगे थे और ये भी कहते हैं कि बालाजी हनुमान की बागेश्वर धाम सरकार धीरेन्द्र शास्त्री पर असीम कृपा है. उन्हें कई सिद्धियां भी मिली है.

सफल बिजनेसमैन

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सफल बिजनेसमैन

जग्गी एक सफल बिजनेसमैन रहे. पोल्ट्री फार्म, ब्रिकवर्क्स और निर्माण कार्य से जुड़े बिजनेस किए. आज वो लोगों को उपदेश देते हैं.

सद्गुरु जग्गी वासुदेव

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सद्गुरु जग्गी वासुदेव

सद्गुरु (जन्म जगदीश वासुदेव, 3 सितंबर 1957) भारत के कोयंबटूर के ईशा फाउंडेशन के संस्थापक के साथ ही प्रमुख हैं. 12वीं में उत्तीर्ण होने के बाद  होने के बाद अंग्रेजी साहित्य में मैसूर विश्वविद्यालय से उन्होंने स्नातक की पढ़ाई पूरी की और फिर बिजनेस में लग गए. 

संत स्वामी भीमानंद महाराज

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संत स्वामी भीमानंद महाराज

स्वामी भीमानंद महाराज अपने आप को इच्छाधारी संत बताते रहे जिनका असली नाम शिव मूरत द्विवेदी है. दिल्ली स्थित नेहरू प्लेस के एक पांच सितारा होटल में वह 1988 में गार्ड की नौकरी किया करता था. बाबा बनकर 12 साल में ही स्वामी भीमानंद महाराज ने अपनी करोड़ों की संपत्ति खड़ी कर ली. 

कृपालु महाराज

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कृपालु महाराज

मूल रूप से प्रतापगढ़ जिले के मनगढ़ के रहने वाले कृपालु महाराज ने हाई स्कूल से 7वीं तक की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद आग पढ़ने के लिए मध्य प्रदेश चले गए. केवल 14 वर्ष की उम्र में तृप्त ज्ञान को प्राप्त किया और फिर विवाह के बाद गृहस्थ जीने लगे. आगे चलकर जगद्गुरु श्री कृपालु जी महाराज को 'जगद्गुरुत्तम' की उपाधि मिली. 

मोरारी बापू

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मोरारी बापू

मोरारी बापू एक समय एक जानेमाने बाबा थे. मोरारी बापू ने प्राथमिक शिक्षा गुजरात के सरकारी स्कूल से हासिल की और फिर आगे की पढ़ाई शाहपुर कॉलेज जूनागढ़ से पूरी की. यहां से डिग्री हासिल की. साल 1960 में जब वे केवल 14 वर्ष के थे तो पहली बार रामकथा का उन्होंने वाचन किया था. 

गुरमीत राम रहीम

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गुरमीत राम रहीम

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने कई ऐसे कांड किए जिससे परिवार को शर्मिंदगी झेलनी पड़ी. राम रहीम दसवीं की परीक्षा में फेल हुआ और उसका जीवन शुरू से ही विवादों से घिरा रहा. न सिर्फ स्कूल बल्कि लड़कियों को छेड़ने के भी आरोप लगते रहे. उसे 9वीं  क्लास में स्कूल से निकाला गया था और 10वीं फेल हो गया. 

गुरमीत राम रहीम

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गुरमीत राम रहीम

गुरमीत राम रहीम सिंह इंसां (Gurmeet Ram Rahim Singh Insan), MSG के नाम से भी पहचाना जाता है. 1990 से अबतक वह डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख है (Head of Dera Sacha Sauda). हालांकि साल 2017 में  रेप केस में दोषी करार होने के बाद अब सजा काट रहा है. 

रामपाल दास का विवादों से नाता-

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रामपाल दास का विवादों से नाता-

रामपाल दास, जगतगुरु रामपाल जी महाराज के नाम से भी जाना जाता है जो 2000 तक हरियाणा सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर के तौर पर काम करता रहा. बाबा रामपाल 8 सितंबर 1951 जन्मा और उसके परिवार का मूल पेशा खेती-किसानी रही है. रामपाल ने इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया और हरियाणा के सिंचाई विभाग में जूनियर इंजीनियर बना. मई 2000 में 'लापरवाही' के आरोप में 48 साल की उम्र में उसे बर्खास्त कर दिया गया था. 

डिस्क्लेमर

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डिस्क्लेमर

Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UPUK इसकी पुष्टि नहीं करता है.