Pariksha Pe Charcha 2024 Live: खुला आसमान और सूर्य की रोशनी', PM Modi ने परीक्षा पे चर्चा में बच्चों को क्यों दिया ये टिप्स
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Pariksha Pe Charcha 2024 Live: खुला आसमान और सूर्य की रोशनी', PM Modi ने परीक्षा पे चर्चा में बच्चों को क्यों दिया ये टिप्स

Pariksha Pe Charcha Live Updates: पीपीसी 2024 की चर्चा में 205.62 लाख से अधिक स्टूडेंट्स ने लिया भाग. 14.93 लाख से ज्यादा टीचर और 5.69 लाख से ज्यादा पेरंट्स ने कराया है रजिस्ट्रेशन.

 

Pariksha Pe Charcha Live Updates

PM Modi Pariksha Pe Charcha Live Updates: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 29 जनवरी 2024 को परीक्षा पे चर्चा (PPC 2024) के 7वें संस्करण में बोर्ड परीक्षा के छात्रों के साथ बातचीत कर रहे हैं. यह प्रोग्राम नई दिल्ली के भारत मंडपम में सुबह 11 बजे शुरू हुआ. पीपीसी 2024 से पहले, पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट किया, "एग्जाम के स्ट्रेस को दूर करने के तरीकों पर सामूहिक रूप से स्ट्रेटजी बनाने के लिए #ExamWarriors की सबसे यादगार सभा, 'परीक्षा पे चर्चा'." पीपीसी 2024 के लिए 205.62 लाख से अधिक स्टूडेंट्स, 14.93 लाख से ज्यादा टीचर और 5.69 लाख से ज्यादा पेरंट्स ने रजिस्ट्रेशन कराया है. यह प्रोग्राम शिक्षा मंत्रालय, प्रधान मंत्री कार्यालय, पीआईबी सहित अन्य के सोशल मीडिया पेजों पर प्रसारित किया जाएगा.

  1. परीक्षा के तनाव वाले सवाल पर हंसे पीएम मोदी
    छात्रों ने पीएम मोदी से पूछा कि परीक्षा के दौरान आखिरी मिनट के तनाव से कैसे निपटें. 'तनाव वापस आ गया है' कहकर पीएम मोदी इन सवालों को बार-बार सुनकर हंस पड़ते हैं. वह हंसते हुए कहते हैं, 'हम इस तनाव से कैसे छुटकारा पा सकते हैं.'प्रधान मंत्री ने कहा, "खुश रहना और परीक्षा शुरू होने से पहले चुटकुले सुनाना जरूरी है. जब आप परीक्षा हॉल में बैठें तो कुछ मिनटों के लिए अपने लिए जिएं और गहरी सांस लें."
  2. 'स्टूडेंट्स के साथ बनाएं अटूट बंधन', शिक्षकों से बोले पीएम मोदी
    पीएम मोदी ने स्टूडेंट्स को मोटिवेट करने के तरीकों के बारे में टीचर्स से कहा, "एक टीचर का काम सिर्फ अपना काम करना नहीं है, उनका काम अपने स्टूडेंट्स का सफल करियर बनाना और उनके साथ एक अटूट बंधन बनाना है." उन्होंने आगे कहा, "एक शिक्षक का छात्र के साथ रिश्ता पहले दिन से ही बनना शुरू हो जाना चाहिए और उन्हें आपसे खुलकर बात करने में सक्षम होना चाहिए, इससे स्टूडेंट्स को परीक्षा के दौरान तनाव नहीं होगा."
  3. 'स्कोरकार्ड को अपना विजिटिंग कार्ड न बनाएं'
    प्रधानमंत्री ने पेरंट्स से कहा है कि वे अपने बच्चों के स्कोरकार्ड को विजिटिंग कार्ड न बनाएं. उन्होंने कहा, "जब कुछ बच्चे बहुत अच्छा स्कोर करते हैं, तो उनके माता-पिता कभी-कभी उनके स्कोरकार्ड को ही अपना विजिटिंग कार्ड बना लेते हैं. इसके कारण, वह छात्र यह सोचना शुरू कर सकता है कि उसे कुछ भी करने की ज़रूरत नहीं है. दुनिया में बेस्ट है. यह भी एक बहुत ही खतरनाक लक्षण है, इसलिए इससे भी बचना चाहिए."
  4. 'दोस्तों की उपलब्धियों को मोटिवेशन के रूप में लें'
    स्टूडेंट्स से अपने दोस्तों के अच्छे नंबरों और उपलब्धियों को प्रेरणा के रूप में लेने के लिए कहते हुए, प्रधान मंत्री ने कहा: "यदि आपके दोस्त के 90 नंबर आए हैं, तो ऐसा नहीं है कि आपके 10 नंबर बचे हैं. आपको अभी भी 100 नंबर लाने हैं, और ऐसा होना चाहिए आपकी थॉट प्रोसेस होनी चाहिए. वह दोस्त आपका मोटिवेशन होना चाहिए न कि अनहेल्दी कंपटीशन. यदि स्टूडेंट्स इस थॉट प्रोसेस का पालन नहीं करते हैं तो आप जीवन में कभी भी उन लोगों से मित्रता नहीं कर सकते जो आपके लिए सही हैं."
  5. अपने बच्चों की दूसरों से तुलना करना बंद करें
    माता-पिता को भी अपने बच्चे की तुलना अपने बैच के अन्य बच्चों से करने से बचना चाहिए. इससे अनहेल्दी कंपटीशन होगा, जिसका आपके बच्चे पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.
  6. पीएम मोदी ने माता-पिता से आग्रह किया कि वे अपने बच्चों की दूसरों से तुलना करना बंद करें
    "कुछ परिवार डेली लाइफ के लेवल पर छोटे-छोटे चीजों में एक-दूसरे से तुलना करके भाई-बहनों के बीच भी कंपटीशन को जन्म देते हैं. मैं माता-पिता से आग्रह करता हूं कि वे अपने बच्चों की इस तरह से तुलना न करें क्योंकि यह एक अनहेल्दी कंपटीशन ला सकता है और उन्हें लंबे समय में एक-दूसरे से दूर कर सकता है." पीएम ने माता-पिता से आग्रह किया कि वे दोस्तों और भाई-बहनों के बीच ईर्ष्या को कम करने के लिए अपने बच्चों की दूसरों से तुलना करना बंद करें.
  7. पीएम ने शेयर किए अपने अनुभव
    पीएम ने कहा, "मेरा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि आपको उन कठिनाइयों से न गुजरना पड़े जो आपके माता-पिता को झेलनी पड़ीं." उन्होंने कहा, "मेरा लक्ष्य एक ऐसे राष्ट्र का निर्माण करना है, जिस पर आप और आने वाली पीढ़ियां गर्व महसूस कर सकें और इस देश में और ज्यादा विकास करने की इच्छा कर सकें. सकारात्मक सोच और निराश न होना इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं."
  8. चुनौतियों को चुनौती
    "मैं अपनी चुनौतियों को चुनौती देता हूं. मैं खुद को याद दिलाता हूं कि अगर 100 मिलियन समस्याएं भी हैं, तो अरबों समाधान भी हैं, मैं कभी अकेला महसूस नहीं करता, क्योंकि मैं जानता हूं कि मेरा देश मेरे साथ है और हम सभी चुनौतियों पर काबू पा लेंगे."
  9. पीएम मोदी ने कहा, घरों में गैजेट-फ्री जॉन जरूरी हैं
    'मैंने लोगों को लगातार फोन पर बात करते देखा है. आपने शायद ही कभी मेरे हाथ में मोबाइल फोन देखा होगा क्योंकि मुझे एहसास है कि जानकारी के लिए मुझे उस पर कितना समय खर्च करना पड़ता है, लेकिन आजकल हर किसी के साथ ऐसा नहीं है. आजकल एक घर में परिवार के चार सदस्य अलग-अलग घर के अलग-अलग कोनों में बैठे रहते हैं और एक-दूसरे को मैसेज फॉरवर्ड करते रहते हैं.अनावश्यक गोपनीयता के कारण वे किसी को भी अपना फोन छूने नहीं देते.'

पीएम की पाठशाला के मूल "मंत्र"

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