Naraka Chaturdashi 2022: नरक चौदस के दिन जरूर करें ये काम, खुल जाएंगे भाग्य के द्वार
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Naraka Chaturdashi 2022: नरक चौदस के दिन जरूर करें ये काम, खुल जाएंगे भाग्य के द्वार

Narak Chaturdashi 2022: नरक चौदस या नर्क चतुर्दशी पर कुछ उपाय करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.

Naraka Chaturdashi 2022

Chhoti Diwali 2022: धनतेरस के अगले दिन छोटी दिवाली का पर्व मनाया जाता है. छोटी दिवाली (Chhoti Diwali 2022) को नरक चतुर्दशी (Naraka Chaturdashi 2022) के नाम से भी जाना जाता है.हिंदू पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की चतुर्दशी तिथि को नरक चतुर्दशी या रूप चौदस मनाते हैं. इस साल छोटी दिवाली और दिवाली की तिथियों को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है. कुछ लोग 23 अक्टूबर को छोटी दिवाली मनाएंगे. वहीं, कुछ लोग 24 को एक साथ नरक चतुर्दशी और दिवाली मनाएंगे. 

यमराज की पूजा का है विशेष महत्व
नरक शब्द पौराणिक कथाओं में वर्णित दैत्य राजा नरकासुर से संबंधित है. जबकि चतुर्दशी का अर्थ है चौदहवां दिन. इस दिन घरों में यमराज की पूजा की जाती है. छोटी दिवाली को सौन्दर्य प्राप्ति और आयु प्राप्ति का दिन भी माना जाता है. नरक चतुर्दशी को रात्रि के समय यम के निमित्त दीपदान करने का विधान है इसलिए रात में दक्षिण दिशा की ओर यम के नाम का दीप अवश्य प्रज्वलित करना चाहिए. ऐसी मान्यता है कि नरक चतुर्दशी पर यमराज को दीपदान करने से अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है. इस दीपक को जलाने के बाद निगरानी करना आवश्यक होता है. जब दीप की लौ बढ़ जाए तो दीपक को उठाकर घर में लें आएं और संभालकर रख दें.

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मां लक्ष्मी के स्वागत की तैयारी
धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, इस दिन अलक्ष्मी को घर से बाहर भेजा जाता है क्योंकि दिवाली के पर्व पर मां लक्ष्मी के स्वागत की तैयारियां की जाती हैं. अलक्ष्मी को दुर्भाग्य की देवी कहा जाता है. मान्यता है कि जहां भी ये होती हैं, वहां पर दरिद्रता का वास होता है. जिससे मनुष्य को धन का नुकसान होता है. नरक चतुर्दशी तिथि के दिन कुछ ऐसे कार्य होते हैं, जो जरूर करने होते हैं. इससे मां लक्ष्मी का आपके घर में आगमन होता है. 

नरक चतुर्दशी के दिन जरूर करें ये काम
प्रात: उठकर पूरे शरीर में तेल मालिश करें. कुछ देर बाद स्नान करें. मान्यता है कि चतुर्दशी को लक्ष्मी जी तेल में और मां गंगा सभी जलों में निवास करती हैं. इसलिए इस दिन तेल मालिश करके जल से स्नान करने पर मां लक्ष्मी के साथ गंगा मां का भी आशीर्वाद मिलता है. व्यक्ति को जीवन में तरक्की मिलती है. इस दिन जड़ समेत मिट्टी से निकली हुई अपामार्ग की टहनियों को सिर पर घुमाने की भी परंपरा है. धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, कुछ ग्रन्थों में अपामार्ग के साथ लौकी के टुकड़े को भी सिर पर घुमाने की परंपरा का जिक्र किया गया है. कहते हैं ऐसा करने से स्वास्थ्य अच्छा रहता है और व्यक्ति को नरक का भय नहीं रहता.

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कबाड़ निकाल दें बाहर 
इस दिन अपने घर की अच्छे से साफ-सफाई करें. घर का सारा फालतू सामान जैसे टूटा-फूटा फर्नीचर, बेकार जूते, फटे-पुराने कपड़े आदि को घर से बाहर निकाल देना चाहिए. घर के हर कोने की अच्छी तरह से सफाई करें. इसके साथ ही घर के अंधेरे स्थानों पर दीपक जलाकर रोशनी करें. ताकि मां लक्ष्मी के आगमन के लिए आपके घर का वातावरण पूरी तरह से शुद्ध हो.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है

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