फर्रुखाबाद में भी ज्ञानवापी जैसा मामला!, मजार में 650 साल पुराने मंदिर के अवशेष दबे होने का दावा
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फर्रुखाबाद में भी ज्ञानवापी जैसा मामला!, मजार में 650 साल पुराने मंदिर के अवशेष दबे होने का दावा

Farrukhabad News : फर्रुखाबाद में 650 साल पुराने गंगेश्‍वर महादेव मंदिर को मुगल शासकों द्वारा मकबरे में तब्दील करने का दावा किया गया है. पुरातत्‍व विभाग से मकबरे की खुदाई की अपील की गई है. 

फाइल फोटो

Farrukhabad News : वाराणसी के ज्ञानवापी का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि फर्रुखाबाद से एक ऐसा ही मामला सुर्खियों में आ गया है. यहां 650 साल पुराने गंगेश्‍वर महादेव मंदिर को मुगल शासकों द्वारा मकबरे में तब्दील करने का दावा किया गया है. पुरातत्‍व विभाग से मकबरे की खुदाई की अपील की गई है. 

यह है पूरा मामला 
दरअसल, हिंदू जागरण मंच की ओर से जिलाधिकारी और पुरातत्व विभाग को एक नोटिस भेजा गया है. इसमें दावा किया गया है कि मुगल शासकों द्वारा गंगेश्वर महादेव मंदिर का अस्तित्व मिटा कर मकबरे में तब्दील कर दिया गया. पुरातत्व विभाग से मजार स्थल की खुदाई करवाकर उसकी सही वस्तु स्थिति का आकलन कर गंगेश्वर नाथ मंदिर को पुन: स्‍थापित करने की मांग की गई है. 

मंदिर तोड़कर मजार का निर्माण करने का दावा 
हिन्‍दू जागरण मंच का कहना है कि कायमगंज क्षेत्र के ग्राम पंचायत मऊ रसीदाबाद रौजा मोहल्ला में गंगेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर था. सनातन धर्म के लोग इस मंदिर में पूजा अर्चना किया करते थे. मुस्लिम आक्रांताओं ने गंगेश्‍वर नाथ महादेव मंदिर को तोड़कर मजार का निर्माण करवा दिया. 

मंदिर के अवशेष दबे होने का दावा 
हिन्‍दू जागरण मंच का दावा है कि आज भी वहां पर मंदिर के अवशेष मिल जाएंगे. स्थल की खुदाई करवाकर सही आकलन करने की जरूरत है. हिन्‍दू मंच का दावा है कि 1607 ईस्वी में शिवलिंग के ऊपर जबरदस्ती मजार बना दी गई. वहां मंदिर का स्वरूप कायम है. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने हिन्‍दू पक्ष के इन दावों का विरोध किया है. 

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