Mahabharata: महाभारत से जरूर सीखने चाहिए ये 6 सबक, जिंदगी के हर क्षेत्र में मिलेगी कामयाबी
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Mahabharata: महाभारत से जरूर सीखने चाहिए ये 6 सबक, जिंदगी के हर क्षेत्र में मिलेगी कामयाबी

Mahabharata GYAN:  महाभारत के अलग-अलग किरदार हों या कहानियां, इन सभी से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है. नीचे महाभारत से जुड़े ही 6 उदाहरण दिए गए हैं, जो लोगों की जीवन में काम आ सकते हैं. 

Mahabharata: महाभारत से जरूर सीखने चाहिए ये 6 सबक, जिंदगी के हर क्षेत्र में मिलेगी कामयाबी

Mahabharata GYAN: महाभारत के बारे में हम सभी जानते हैं. इस महा ग्रंथ के अलग-अलग किरदार हों या कहानियां, इन सभी से हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है. नीचे महाभारत से जुड़े ही 6 उदाहरण दिए गए हैं, जो लोगों की जीवन में काम आ सकते हैं. 

एकजुटता
अगर हम एकजुट होकर रहते हैं तो मजबूत रहते हैं, फूट पड़ने या बिखरने से हमारा नुकसान होता है. जीवन का यह एक बुनियादी और सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांत है. पांडवों ने एकता के चलते ही जीत हासिल की.

अहंकार 
अहंकार कितना घातक साबित हो सकता है इसका उदाहरण महाभारत है. दुर्योधन ने अहंकार की वजह से ही पांडवों से राज्य छीनने की कोशिश की लेकिन युद्ध में उनको हार मिली और अपने भाइयों सहित खत्म हो गया. इसलिए जीवन में अहंकार नहीं करना चाहिए. 

बोलने से पहले सोचें
द्रोपदी के कठोर शब्दों ने ही दुर्योधन को उसे चोट पहुंचाने के लिए उकसाया था. इसके बाद दुर्योधन ने द्रौपदी को भरी सभा में निर्वस्त्र कर उसे बदनाम करने की योजना बनाई, हालांकि कृष्ण ने उसे बचा लिया. यह सिखाता है कि हमें अपने शब्दों का चयन सोच समझकर  करना चाहिए.

बदले की भावना 
कहा जाता है कि शकुनि के बदले की भावना की वजह से ही महाभारत हुई. उनकी बहन गांधारी ने बिना उनसे पूछे धृतराष्ट्र से, जो कि अंधे थे, से शादी कर ली. इसकी वजह से उन्होंने हस्तिनापुर को खत्म करने की कसम खाई. इससे सीखने को मिलता है कि जीवन में बदला लेने की भावना नहीं रखनी चाहिए. हमें इसको बस भूलकर आगे बढ़ना चाहिए. 

अधूरा ज्ञान
अगर अभिमन्यु को चक्रव्यूह का पूरा ज्ञान होता तो उसकी जान नहीं जाती. वह इसमें प्रवेश करना जानते थे लेकिन इससे कैसे बाहर निकला जाए, इसके बारे में उनको नहीं पता था. इसी कारण उनको जान गंवानी पड़ी. इससे हमें शिक्षा मिलती है कि अधूरा ज्ञान हानिकारक साबित हो सकता है. हमें पहले पूर्ण ज्ञान लेने के बाद ही किसी काम को करना चाहिए.

सच्चे मित्र की पहचान 
अर्जुन के पास मित्र के रूप में कृष्ण थे तो दुर्योधन के पास कर्ण. अर्जुन को कृष्ण की बुद्धिमानी की वजह से सही और गलत का फर्क पता चला. वहीं कर्ण ने धर्म का अनुयायी होने के बाद भी दुर्योधन के गलत कामों में साथ दिया. इससे सीख मिलती है कि दोस्त से वही है जो मदद के साथ जीवन में सही और गलत के बारे में सतर्क करे. 

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