बारिश के मौसम में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी घातक बीमारियां तेजी से पैर पसारती हैं. यह सभी खतरनाक बुखार व्यक्ति की मौत की वजह भी बन सकते हैं.
त्योहारी सीजन चल रहा है और ठंडक की आहट के साथ ही यूपी की राजधानी लखनऊ समेत कई जिलों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया का आतंक बढ़ गया है. दर्जनों मरीजों की पुष्टि हो रही है. लखनऊ में मंगलवार को भी 52 नए मरीजों की पुष्टि हुई. जानकारी के मुताबिक राजधानी में इस सीजन में अब तक डेंगू के 853, मलेरिया के 433, और चिकनगुनिया के 66 मरीज मिल चुके हैं.
डेंगू मलेरिया हो या चिकनगुनिया, यह सभी खतरनाक बुखार मच्छरों के काटने से ही फैलते हैं. इनसे होने वाले फीवर के दौरान शरीर में हीमोग्लोबिन लेवल में कमी आती है तो वहीं प्लेटलेट्स काउंट काफी तेजी से घटने लगती है. गंभीर मामलों में चिकित्सक ब्लड बैंक से प्लेटलेट चढ़ाते हैं.
शरीर में डेंगू होने पर चक्कर आना, तेज बुखार, सिर दर्द जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं. चिकित्सकों के मुताबिक मलेरिया, चिकनगुनिया और डेंगू बुखार के होने पर प्लेटलेट्स में काफी तेजी से गिरावट होती है.एक्सपर्ट्स के मुताबिक कुछ फूड्स को अपने आहार में शामिल करने से आप अपनी प्लेटलेट्स को बढ़ा सकते हैं. लेकिन शरीर में हीमोग्लोबिन और प्लेटलेट्स बढ़ाने के लिए कई देसी उपाय भी कारगर हैं. आइए जानते हैं इनके बारे में..
डेंगू मलेरिया हो या चिकनगुनिया नारियल पानी हमारे लिए बेस्ट है. नारियल पानी पीने से हमारा शरीर हाइड्रेट होता है.साथ ही इसका नियमित रूप से सेवन करके डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के जोखिम को भी कम किया जा सकता है.
हरी पत्तेदार सब्जियों में कई पोषक तत्व होते हैं जो हमारी सेहत के लिए अच्छी होती हैं.चिकनगुनिया, मलेरिया और डेंगू के साथ-साथ यह कई बीमारियों से छुटकारा दिलानेन और इन्हें दूर रखने में मदद कर सकते हैं. पुदीना, मेथी, सलाद पत्ता और पालक जैसी हरी सब्जियों को डाइट में शामिल करके आप अपनी इम्यूनिटी को बूस्ट कर सकते हैं.
पपीते का पौष्टिक फल भी डेंगू और मलेरिया जैसे वायरल बुखार के खतरे को कम करने के लिए हेल्पफुल होता है. डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए पपीते के पत्तों का रस किसी वरदान से कम नहीं है. यह डेंगू के जोखिम को दूर करने में सहायक माना जाता है.
इन दोनों ही आयुर्वेदिक चीजों में एंटीबैक्टीरियल और एंटीवायरल पाए जाते हैं. ये इम्यूनिटी को बूस्ट करने में भी मददगार होते हैं. लहसुन के गंध से मच्छर दूर रहते हैं.
डेंगू की अपेक्षा चिकनगुनिया में सूजन और दर्द बहुत ज्यादा होता है. चिकनगुनिया में हड्डियों में तेज दर्द होता है, वहीं डेंगू होने पर कई मामलों में ब्लीडिंग, सांस लेने में परेशानी शामिल होती है.
लोग अपने घरों के कूलर, गमले और घर की छत पर पड़े कबाड़ में पानी इकट्ठा न होने दें. इसके साथ ही अपने घरों के आसपास कैसा भी पानी नहीं जमा न होने दें, क्योंकि डेंगू और मलेरिया का मच्छर साफ पानी में ही पनपता है.
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता. ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।