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पत्ता गोभी का कीड़ा क्या सब्जी पकने पर भी नहीं मरता, सड़ा देगा दिमाग

पत्ता गोभी अन्य सब्जियों की तरह न्यूट्रिशन और प्रोटीन से भरपूर होता है. पत्ता गोभी में मौजूद फाइबर शरीर के लिए बेहद उपयोगी होता है. डाइटिंग करने वालों के लिए यह सब्जी बेहद फायदेमंद माना जाता है. लेकिन क्या आपको पता है कि पत्ता गोभी स्वास्थ्य को लाभ के साथ हानि भी पहुंचाता है. पत्ता गोभी में मौजूद कीटाणु हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदायक होते हैं. आइए आपको बताते हैं कि इसमें पाया जाने वाला कीटाणु हमे कितना नुकसान पहुंचाता है.

दिमाग

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दिमाग

पत्ता गोभी का खासियत तो आपको सभी लोग बताते हैं, लेकिन क्या आपको पत्ता गोभी में एक टेपवर्म नाम का कीड़ा पाया जाता है, जिसे खाने के बाद वह सीधे दिमाग में पहुंच जाता है. 

विशेषज्ञों की मानें

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विशेषज्ञों की मानें

विशेषज्ञों की मानें तो बंदगोभी और पत्तागोभी में कीड़ा इतना पतला और छोटा होता है कि वह आसानी से दिखता नहीं है. गोभी के कीड़े की रेजिस्टेंस पावर बहुत ज्यादा होती है.

रिजिस्टेंस पावर

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रिजिस्टेंस पावर

आपको बता दें कि गोभी के कीड़े में रिजिस्टेंस पावर इतना ज्यादा होता है कि वह पेट में पाए जाने वाले एसिड और एंजाइम से भी नहीं मरता है. जैसी यह दिमाग पर असर डालता है. रोगी को दौरे पड़ने लगते हैं. 

शरीर को लकवा

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शरीर को लकवा

ऑपरेशन में थोड़ा बहुत भी देरी और गड़बड़ी करने से पूरी शरीर को लकवा मार देता है. उसके बाद आदमी चलने- फिरने तक के हालत में नहीं रहता है. 

बारिश के पानी

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बारिश के पानी

टेपवर्म नामक यह कीड़ा बारिश के पानी की वजह से जमीन में पहुचता है. कच्ची सब्जियों के जरिए फिर हम तक पहुंचता है. पेट में पहुंचने के बाद ये कीड़ा सबसे पहले आंतों में जाता है, फिर ब्लड फ्लो के साथ नसों के जरिए दिमाग तक पहुंच जाता है. इसका लार्वा दिमाग को कमजोर कर कर गंम्भीर चोट पहुंचाता है.

 

टेपवर्म कीड़े

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टेपवर्म कीड़े

शरीर में पहुंचने के बाद ये टेपवर्म कीड़े अंड़े देते हैं. इसके अंडा देते ही शरीर के आंतरिक भाग में जख्म बनने लगते हैं. इस कीड़े की तीन प्रजातियां होती है. टीनिया सेनीगाटा, टीनिया सोलिअम, टीनिया एशियाटिका होती है. ये लीवर में पहुंचकर सिस्ट बनाता है. जिससे पस पड़ जाता है. ये आंख मे भी आ सकता है.

कीड़े की लंबाई 3.5 से 25 मीटर

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कीड़े की लंबाई 3.5 से 25 मीटर

इस कीड़े की लंबाई 3.5 से 25 मीटर तक होती है. इसकी उम्र 30 साल तक होती है. 

 

करीब 12 लाख

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 करीब 12 लाख

भारत में टेपवर्म के करीब 12 लाख से ज्यादा मरीज है. मिर्गी, न्यूरोसिस्टिसेरसोसिस से पीड़ित लोग इस संक्रमण के चपेट में आते हैं.

disclaimer:

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disclaimer:

यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE UP/UK इसकी पुष्टि नहीं करता है.