Sawan 2023 Dhature Ke Upay: तरक्की और समृद्धि पाने की इच्छा है? सावन में करें धतूरे के ये अचूक उपाय
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Sawan 2023 Dhature Ke Upay: तरक्की और समृद्धि पाने की इच्छा है? सावन में करें धतूरे के ये अचूक उपाय

Sawan 2023 Dhature Ke Upay: सावन के महीने में भक्त भगवान शिव की भक्ति में लीन रहते हैं. भगवान को यह महीना अति प्रिय है ऐसे में इस महीने कुछ अचूक उपाय कर बहुत ही सरलता से शिव जी का आशीर्वाद पाया जा सकता है. 

Lord Shiva shiv Datura (फाइल फोटो)

Sawan 2023 Mein Kare Dhature Ke Ye Upay: सावन में अगर भक्त भगवान शिवजी की पूरे मन से पूजा अर्चना करे तो इसका शुभफल पाया जा सकता है. ऐसी मान्यता है कि सावन में बेलपत्र और धतूरा यदि शिव जी को अर्पित किया जाए तो उनका आशीर्वाद पाया जा सकता है. यह दोनों ही सामग्री भोलेनाथ को अति प्रिय हैं. वहीं, सावन में धतूरे से जुड़े कुछ उपाय किए जाएं तो इसके भी अनेक लाभ प्राप्त किए जा सकते हैं. आइए कुछ उपायों के बारे में जानते हैं. 

सावन 2023 में जानिए रोगों से छुटकारा पाने से जुड़े धतूरे के उपाय 

(Sawan 2023 Dhatura For Diseases) 
सावन के सोमवार को धतूरा लें और उसे हल्दी में मिलाएं. इसके बाद  उत्तर दिशा की ओर अपना मुंह कर लें. भगवान शिव को इस स्थिति में इस धतूरा को अर्पित कर दें. 
इससे व्यक्ति रोगों से मुक्ति पा सकता है और स्वास्थ्य ठीक कर सकता है. 

सावन 2023 में जीवन में सफलता से जुड़े धतूरे के उपाय 

(Sawan 2023 Dhatura For Success) 
शिवलिंग को जलाभिषेक करने के बाद भगवान को धतूरा चढ़ाएं. 
धतूरे का डंठल जलाधरी की तरफ रखें. 
इस उपाय से सफलता आपके कदमों में होगी. 

सावन 2023 आर्थिक स्थिति ठीक करने के धतूरे से जुड़े उपाय

(Sawan 2023 Dhatura For Money) 
तांबे के लोटे में जल ले और धतुरा डालें, इस जल से शिव जी का अभिषेक करें. 
फिर धतूरे को उठालें और लाल कपड़े में लपेटकर पैसे रखे जाने वाली जगह पर रख दें. 
आर्थिक स्थिति ठीक होगी और धन लाभ भी होगा. 

सावन 2023 में  सुख-समृद्धि के लिए धतूरे से जुड़े उपाय

(Sawan 2023 Dhatura For Prosperity)  
शाम में शिवजी की पूजा अर्चना करें और इस समय उन्हें धतूरा चढ़ाएं. 
'श्री शिवाय नमस्तुभ्यं' मंत्र का इस पूजा के समय 108 बार जाप करें. 
घर में शांति, सुख-समृद्धि आएगी. 

शिवलिंग पर धतूरा चढ़ाने का क्या कारण हैं? 
हलाहल विष शिवजी ने पी लिया था जो उनके गले में रहता है. उस विष की गर्मी को दूर करने के लिए सभी देवी देवताओं ने शिव जी को धतूरा अर्पित किया तब से शिव जी को धतूरा चढ़ाने की परंपरा चलती आ रही है.

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