देश में जहां लगभग हर जगह रावण का पुतला रामनवमी के दिन जलाया जाता है, तो वही बिहार के मुजफ्फपुर के साहू रोड़ स्थित साहू पोखरे के पास छठ पर्व के सुबह के अर्घ्य के दिन रावण दहन दिया जाता है. ये कोई नई परंपरा नहीं है बल्कि दशकों से चली आ रही परंपरा का निर्वह किया जा रहा है.
हर वर्ष यहा भारतीय सेवा दल कमेटी के द्वारा छठ व्रत करने वाली महिलाओं को कोई तकलीफ ना हो इस लिए यह कमेटी पूरे तत्परता के साथ वहा हर चीज का व्यवस्था करती है.
यहां के कमेटी के अध्यक्ष बताते है कि यह विगत 16 वर्षों सुबह के अर्घ्य के साथ रावण के पुतले का दहन किया जाता है. कमेटी ने बताया कि रावण दहन देखकर लोगों में बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश जाए.
साहू पोखरा मुजफ्फरपुर के प्राचीन पोखरों में से एक हैं यहां तकरीबन 600 से 700 परिवार के छठ व्रती हिस्सा लेते हैं. छठ के दिन यहा अलग ही मनमोहन दृश्य होता है.
अमूमन देश में लगभग हर जगह दशहरा के दिन रावण दहन किया जाता है. लेकिन मुजफ्फरपुर केसाहु रोड़ स्थित साहू पोखरे में सालों से चली आ रही यह परंपरा आज भी जीवंत हैं और यहा के युवा इस परंपरा के अनवरत चलाने की पूरे तैयारी में है.