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Premanand ji Maharaj: कालसर्प और पितृ दोष से कैसे बचें? प्रेमानंद महाराज ने बताए ये उपाय

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, कालसर्प दोष और पितृ दोष से व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इन दोषों से मुक्ति पाने के लिए वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज ने कुछ उपाय बताए हैं. जानिए 

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Premanand ji Maharaj: राधाकेलि कुंज के आश्रम में हर रोज प्रेमानंद महाराज अपने भक्तो को भक्ति का मार्ग दिखाते हैं. आए दिन उनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं. उनके सत्संग में बड़ी संख्या में भक्त आते हैं और अपनी समस्या का समाधान मांगते हैं.

समस्या का समाधान

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समस्या का समाधान

जो भक्त वृंदावन वाले प्रेमानंद महाराज के पास आकर अपनी समस्या का समाधान मांगते हैं, उन्हें महाराज समाधान भी बताते हैं. ऐसे ही एक भक्त ने जब प्रेमानंद महाराज से कालसर्प और पितृ दोष का उपाय पूछा तो जानिए उन्होंने क्या कहा?

भक्त का सवाल

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भक्त का सवाल

प्रेमानंद महाराज से मिलने आए एक भक्त ने उनसे पूछा कि मेरे परिवार में कालसर्प और पितृ दोष का प्रभाव है, जिसके कारण हम परेशान रहते हैं. इससे बचने के लिए क्या उपाय करें? कृपया बताएं.

प्रेमानंद महाराज का जवाब

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प्रेमानंद महाराज का जवाब

प्रेमानंद महाराज ने भक्त को जवाब दिया कि शनि, राहु-केतु इनमें से किसी भी ग्रह में इतनी शक्ति नहीं है कि वो भगवान का नाम जप करने वाले का बाल भी बांका कर सके.

भगवान का भजन

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भगवान का भजन

प्रेमानंद महाराज के मुताबिक, अगर आप भगवान से दूर हैं तो ये ग्रह आपको छोड़ेंगे नहीं. अगर आप भगवान का भजन छोड़कर अपनी मनमानी करोगे तो ये दोष तुम्हे परेशान करने रहोगे.

क्यों परेशान करते हैं ग्रह?

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क्यों परेशान करते हैं ग्रह?

प्रेमानंद महाराज के मुताबिक, ये जितने भी अशुभ ग्रह हैं, ये सरकारी आदमी हैं जो बीच-बीच में आकर हमें परेशान करते हैं, क्योंकि सरकार यानी भगवान से हमारा कोई संपर्क नहीं है.

ग्रहों के अशुभ फल से कैसे बचें?

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ग्रहों के अशुभ फल से कैसे बचें?

प्रेमानंद महाराज की मानें तो जैसे कोर्ट से फांसी की सजा मिले अपराधी को राष्ट्रपति माफ कर दे तो वह मौत से बच जा सकता है. वैसी ही स्थिति भगवान का नाम लेने वाले की होती है.

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डिस्क्लेमर: यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री और एआई द्वारा काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.