Chhoti Diwali 2024: आज है छोटी दिवाली? जानें नरक चतुर्दशी पर दीपक जलाने का महत्व और शुभ मुहूर्त
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Chhoti Diwali 2024: आज है छोटी दिवाली? जानें नरक चतुर्दशी पर दीपक जलाने का महत्व और शुभ मुहूर्त

Chhoti Diwali Date: सनातन धर्म में हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली मनाई जाती है. इसे नरक चतुर्दशी भी कहते हैं. मृत्यु के देवता यम के नाम इस रात एक दीपक जलाया जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से परिवार में बीमारी, कष्ट, दुख-दर्द दूर हो जाते हैं. जानिए छोटी दिवाली के महत्व और शुभ मुहूर्त.

Chhoti Diwali Date

Chhoti Diwali Date: हर साल दिवाली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है. इससे एक दिन पहले और धनतेरस के एक दिन बाद छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी मनाने की परंपरा है. छोटी दिवाली हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. ऐसी मान्यता है कि इस रात को मृत्यु के देवता यम के नाम एक दीपक जलाने से परिवार में बीमारी, कष्ट, दुख-दर्द दूर हो जाते हैं. परंपराओं के मुताबिक, ये दिवाली से पहले की जाने वाली साफ-सफाई के काम का आखिरी दिन है. आपको बता दें, दिवाली का त्योहार उत्तर भारत में पांच दिनों तक मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस बार किस दिन छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी मनाई जाएगी?

कब है छोटी दिवाली?
हिंदू पंचांग के मुताबिक, 30 अक्टूबर यानी आज छोटी दिवाली है. ये दोपहर 01:16 बजे से अगले दिन यानी 31 अक्टूबर को दोपहर 03:53 बजे तक रहेगा. ये त्योहार शाम के समय मनाया जाता है. ऐसे में रात को मृत्यु के देवता यम के लिए एक दीपक जलाया जाता है. 30 अक्टूबर को शाम 05:30 बजे से शाम 07:00 बजे तक दीपक जलाना शुभ होगा. 

जानें दीपक जलाने के नियम
ज्योतिष के जानकारों की मानें तो यम का दीपक जलाने के लिए एक चौमुखी दीपक लें. इसमें 4 बत्तियां इस तरह लगाएं जो चारों दिशाओं में फैली हों. फिर दीपक में सरसों का तेल भरें. इसके बाद दीपक को जलाएं और पूरे घर में घुमा दें. इसके बाद घर के मेन गेट पर दक्षिण दिशा में इस दीपक को रख दें. हालांकि, रिवाजों की मानें तो आप किसी नाली के पास या कहीं और भी इस दीपक को रख सकते हैं.

क्या है मान्यता?
मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध कर 16000 महिलाओं को उसकी कैद से आजाद कराया था. पौराणिक मान्यता है कि नरक चतुर्दशी को सूर्यास्त के बाद दीपक जलाने से परिवार के सदस्यों की असामयिक मौत का डर दूर हो जाता है. इसके साथ ही यमदेव से नरक के द्वार बंद करने की प्रार्थना की जाती है. कहा जाता है कि इस दिन यमराज की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है. 

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारियां सामान्य जानकारियां, धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं,वास्तुशास्त्र पर आधारित हैं. Zeeupuk इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता हइसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.

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