Know The Special Important Rules For Peeal Tree Puja: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से कई कार्यों की सिद्धि मिलती है लेकिन इस दौरान कुछ गलतियों को करने से काम बिगड़ सकता है.
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Peeal Tree Puja: हिन्दू धर्म में हवा, पानी, भूमि और यहां तक कि कुछ पेड़ पौधों को भी देवी देवताओं का स्थान प्राप्त हैं. केला, तुलसी, आम और पीपल के पेड़ों की पूजा करने से कई मनवांछित फलों की प्राप्ति होती है.इन पेड़ों को भगवान का स्वरूप माना जाता है. इन पेड़ पौधों को पूजते समय कुछ बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए. अगर बात करें पीपल की तो इसके पूजन में कुछ लोग ऐसी गलतियां कर देते हैं जिससे उन्हें उत्तम फल प्राप्त नहीं हो पाता. यहाँ जाने की पीपल के पेड़ पर दीपक जलाते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.
पीपल का महत्त्व
पीपल के पेड़ बहुत ही महत्त्वपूर्ण है. स्कंद पुराण के अनुसार पीपल की जड़ में भगवान विष्णु, तने और शाखाओं में केशव और पत्तों में सभी देवताओं का वास होता है कहने का तात्पर्य यह है कि पीपल का पेड़ भगवान विष्णु का रूप है. महात्मा लोग इस वृक्ष की सेवा करते हैं और यह वृक्ष मनुष्यों के पापों का नाश करता है. इसके साथ ही पीपल में पितरों और तीर्थों का वास होता है. अगर किसी को पितर दोष हो जाये तो पीपल कि पूजा करने से रूठे हुए पित्रों को भी मनाया जाता है. यहाँ जाने पीपल के पेड़ की पूजा के क्या नियम है.
समय
पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाते समय ध्यान रहे, रात गहरी होने पर दीपक न जलाएं. दिया जलाने के लिए संध्या का समय सबसे उपयुक्त है. सभी देवी देवताओं के लिए संध्या पूजन का समय उत्तम माना जाता है.
परिक्रमा
पीपल के पेड़ तले दीपक जलाने के बाद 7 बार परिक्रमा करनी चाहिए. परिक्रमा करने से घर हमेशा सुख-समृद्धि से भरा रहता है. साथ ही शनिदेव की कृपा भी मिलती है.
तेल
यहां दीपक जलाने के लिए केवल सरसो के तेल का इस्तेमाल करें. सरसों का तेल शनिदेव को अत्यंत प्रिय है. सरसों के तेल से दीपक जलाने से घर की आर्थिक तंगी भी दूर होती है.
वार का ध्यान
पीपल के पेड़ के नीचे वीरवार और शनिवार को जरूर दीपक जलना चाहिए लेकिन कुछ मान्यताओं के अनुसार रविवार के दिन पीपल के पेड़ पर दिया नहीं जलना चाहिए.
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