Ram Mandir Update: रामलला के भक्तों के लिए 1000 स्पेशल ट्रेनें, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में दर्शनार्थियों के लिए रेलवे का इंतजाम
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Ram Mandir Update: रामलला के भक्तों के लिए 1000 स्पेशल ट्रेनें, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में दर्शनार्थियों के लिए रेलवे का इंतजाम

Ram Mandir inauguration : राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को देखते हुए रेलवे अयोध्या के करीबी स्टेशनों को सजाने-संवारने में लगी है. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में पहुंचने के लिए दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बंगलुरु, पुणे, कोलकाता, नागपुर, जम्मू,पंजाब और हरियाणा सहित कई जगहों से हजारों श्रद्धालु आएंगे. 

Ram Temple in Ayodhya (फाइल फोटो)

अयोध्या: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर रेलवे भी अपनी तैयारियों में लगा हुआ है. अयोध्या के करीबी स्टेशनों को रेलवे सजाने-संवारने काम में लगा है. ध्यान देने वाली बात है कि राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के कार्यक्रम में आने के लिए भारत के कोने-कोने से श्रद्धालु पहुंचने वाले हैं. दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बंगलुरु, पुणे, कोलकाता, नागपुर, जम्मू, पंजाब और हरियाणा समेत कई और जगहों से हजारों की संख्या में रामलला के दर्शन के आकांक्षी श्रद्धालु अयोध्या आने वाले हैं. इसके लिए 1000 विशेष ट्रेन रेलवे की ओर से चलाई जाएंगी. सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा के दिन बिना आमंत्रण पत्र वाले किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

दूसरी विशेष ट्रेन की भी व्यवस्था 
इस संबंध में रेलवे बोर्ड की चेयरमैन जया वर्मा सिन्हा की ओर से जानकारी दी गई. बुधवार को अयोध्या पहुंचीं जया वर्मा सिन्हा ने बताया कि देश के अलग अलग जगहों से स्पेशल ट्रेनें प्राण प्रतिष्ठा से पहले चलाने की योजना है जो कि अयोध्या के लिए 19 जनवरी से रवाना होने लगेंगी. इन ट्रेनों का संचालन करीब सौ दिन तक होता रहेगा. जया ने कहा कि मांग के हिसाब से ट्रेनों का संचालन होगा. अगर ट्रेनें फुल रहीं, अयोध्या आने वाले भक्तों की संख्या अधिक हुईं तो दूसरी विशेष ट्रेन की व्यवस्था कर दी जाएगी.

अलग-अलग भाषाओं में संकेतक
अयोध्या में श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती जा रही है और हर दिन 50 हजार श्रद्धालु अयोध्या आने लगे हैं. उम्मीद है कि राममंदिर के उद्घाटन के बाद भक्तों कि संख्या दो से तीन गुना बढ़ जाएगी. ऐसे में श्रद्धालुओं के लिए हर तरह की सुविधाएं विकसित करने का काम किया जा रहा है. श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसके लिए अलग-अलग भाषाओं में संकेतक भी लगाए जाएंगे. 

ई-रिक्शा बैन
दक्षिण की तमिल, तेलुगू, अंग्रेजी, गुजराती, मराठी भाषाओं में भी संकेतक होंगे. प्रमुख मंदिरों की ओर से जाने वाले मार्गों की पहचान की जा रही है और तय किया जा रहा है कि जहां गाड़ियों के आने जाने की जरूरत है, वहां ऐसे पहुंचे कि बाकि लोगों की आवाजाही में दिक्कत न हो. जरूरत के हिसाब से रास्तों को लेकर प्लानिंग की जाएगी. वहीं कुछ रास्तों पर ई-रिक्शा को बैन कर दिया गया है.

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