Who is IAS Ravindra Kumar Mandar: प्रयागराज में प्रतियोगी छात्रों के आंदोलन के चलते जिला प्रशासन के हाथ पांव फूल रहे हैं. आंदोलन कर रहे छात्रों को मनाने की जिम्मेदारी वहां के जिलाधिकारी को दी गई है.
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Who is IAS Ravindra Kumar Mandar: प्रयागराज में प्रतियोगी छात्रों का प्रदर्शन जारी है. प्रतियोगी छात्र लोक सेवा आयोग के दो दिवसीय परीक्षा कराए जाने के फैसले का विरोध कर रहे हैं. प्रयागराज स्थित लोक सेवा आयोग के बाहर पिछले चार दिनों से छात्र आंदोलन कर रहे हैं. वहीं, मान मनौव्वल के लिए प्रयागराज के जिलाधिकारी आंदोलन स्थल पहुंचे तो छात्रों ने उन्हें भी खरी-खरी सुना दी. तो आइये जानते हैं कौन हैं प्रयागराज के डीएम और कैसे यूपीएससी क्रैक कर आईएएस बने.
कौन हैं प्रयागराज के डीएम रविंद्र कुमार?
जानकारी के मुताबिक, रविंद्र कुमार मांदड़ राजस्थान के जयपुर के रहने वाले हैं. उनका जन्म 1988 को हुआ था. रविंद्र कुमार की शुरुआती पढ़ाई राजस्थान में ही हुई. ग्रेजुएशन के बाद रविंद्र कुमार ने UPSC की तैयारी शुरू कर दी. साल 2013 में यूपीएससी क्रैक कर वह आईएएस बन गए. साल 2015 में आईएएस अकादमी मसूरी से ट्रेनिंग पूरी करने के बाद उन्हें पहली तैनाती फिरोजाबाद दी गई है.
कहां-कहां मिली तैनाती?
रविंद्र कुमार ने फिरोजाबाद में बतौर ज्वाइंट मजिस्ट्रेट के रूप में सेवा दी. इसके बाद साल 2017 में उन्हें आगरा का सीडीओ यानी मुख्य विकास अधिकारी बनाया गया. 2019 में उनका तबादला वृन्दावन-मथुरा के नगर आयुक्त के पद पर हो गया. साल 2021 में उन्हें रामपुर जिले का डीएम बनाया गया. रामपुर रहते हुए रविंद्र कुमार ने आजम खान पर जबरदस्त कार्रवाई की. इसके बाद उन्हें जौनपुर का जिलाधिकारी बना दिया. जौनपुर के बाद महाकुंभ की तैयारी शुरू होते ही उन्हें प्रयागराज का जिलाधिकारी बनाकर भेज दिया गया.
बचपन में बनना चाहते थे क्रिकेटर
जानकारी के मुताबिक, डीएम रविंद्र कुमार मांदड़ को बचपन से ही क्रिकेट खेलने का शौक था. वह बड़े होकर क्रिकेटर बनना चाहते थे, लेकिन उनकी मां उन्हें बड़ा अफसर बनते देखना चाहती थीं. वह हमेशा पढ़ाई के लिए प्रेरित करती थीं. मां की इसी सीख की बदौलत रविंद्र कुमार बड़े होकर कलेक्टर बन गए. डीएम रविंद्र कुमार मंडार ने अपने कार्यकाल के दौरान 900 से अधिक तालाब बनवाकर जल संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान दिया. जनता की पानी से जुड़ी परेशानियों को दूर करने वाले रविंद्र कुमार मंडार ने बचपन में अपनी ज़िंदगी में भी इस परेशानी को झेला.
प्रयागराज में आंदोलन कर रहे छात्रों को मानने में जुटे
रविंद्र कुमार को महाकुंभ 2025 के सफल आयोजन के लिए प्रयागराज की जिम्मेदारी सौंपी गई है. जौनपुर से प्रयागराज ट्रांसफर के बाद उन्होंने सबसे पहले गंगा किनारे लेटे हनुमानजी के मंदिर पहुंचकर मत्था टेका था. इसके बाद कुर्सी संभाली थी. उसके बाद अफसरों से मुलाकात की थी. अब जब प्रतियोगी छात्रों का आंदोलन चल रहा है, तो वह उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव के साथ छात्रों को मान मनौव्वल में लगे हैं. बता दें कि रामपुर में डीएम रहते हुए रविंद्र कुमार ने मिशन समर्थ चलाया था. इसके तहत उन्होंने 61 दिव्यांग बच्चों की सर्जरी करवाई थी. उन्होंने घाटमपुर स्कूल के एक स्टूडेंट के लिए वह किया जिसने उसे नई जिंदगी दी. वसीम को तो अमेरिका से मंगवाकर से हाथ लगवाए थे. इनकी कीमत 6 लाख थी.
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