sukhdev singh murder case:जयपुर में मंगलवार को राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या कर दी गई है. हमलावर के इरादे इतने पस्त थे कि वह सुखदेव सिंह के घर में घुस में उनके ऊपर 4 राउंड फायरिंग और उनको मौत के घाट उतार दिया. किसी कुछ सालों से करणी सेना किसी न किसी मुद्दे की वजह से चर्चा में बना रहता है. लेकिन सवाल ये है कि आखिर करणी करती क्या है, इसकी स्थापना कब हुई थी, किन मुद्दों की वजह से संगठन चर्चा में आया, आइए आज आपको सारा कुछ बताते हैं.
करणी सेना की स्थापना साल 2006 में लोकेंद्र सिंह कालवी द्वारा किया गया था. इस संगठन का नाम करणी माता के नाम पर पड़ा था. जिन्हें उनके अनुयायियों द्वारा हिंगलाज का अवतार माना जाता है.
करणी सेना राजपूत समाज का संगठन माना जाता है. ये कोई राजनीतिक संगठन नहीं हैं, लेकिन विभिन्न राजनीतिक संगठन द्वारा समय-समय पर लालीपॉप देने की कोशिश की जाती है, ताकि इनके समाज के लोगों को अपने पाले में कर सकें.
राजस्थान, यूपी, मध्यप्रदेश के राजपूत बाहुल्य इलाके में करणी सेना का काफी अच्छा खासा प्रभाव माना जाता है.
संगठव का दावा है कि वह भारतीय संस्कृति की रक्षा के लिए कार्य करती है. समाज में जहां कई अन्याय होता है. करणी सेना वहां संघर्ष करने के लिए पहले पंक्ति में खड़ी रहती है. मार्च 2023 में ही संगठन के संस्थापक लोकेंद्र कालवी का निधन हो गया था.
करणी सेना में लोकेंद्र कालवी और सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के बीच विवाद हो गया था. जिसके वजह से संगठन का दो फाड़ हो गया था. एक का नेतृत्व लोकेंद्र कर रहे थे. वहीं दूसरे का सुखदेव कर रहे थे.
साल 2021 में दोनों में सुलह हो गया था. श्री राजपूत करणी सेना का विलय राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना में हो गया था.
करणी सेना का नाम तब उस समय सबसे ज्यादा चर्चा में आया था. जब साव 2018 में आई फिल्म पद्मावत का विरोध हुआ था. करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने भारी प्रदर्शन कर के फिल्म पर बैन लगाने की मांग की थी. इसके अलावा राजस्थान के गैगस्टर आनंद पाल सिंह के एनकांउटर किये जाने का करणी सेना ने विरोध किया था.