यह विशाल राष्ट्रीय उद्यान कई रहस्यों और किंवदंतियों का घर है. कहा जाता है कि यहां जंगलों में भटकती आत्माएं हैं, और कुछ लोगों का दावा है कि उन्होंने अजीब रोशनी और आवाजें सुनी हैं.
यह खूबसूरत बगीचा दिन में पर्यटकों के लिए एक लोकप्रिय स्थान है, लेकिन रात में यहां एक अलग ही माहौल होता है. कहा जाता है कि यहां एक भूत घूमता है, जिसे एक महिला की आत्मा माना जाता है जो रहस्यमय तरीके से मर गई थी.
कैंटोनमेंट क्षेत्र में कई पुराने ब्रिटिश भवन भी स्थित हैं, जिनमें से कई भूतिया होने के लिए जाने जाते हैं. कहा जाता है कि इन भवनों में अंग्रेजी सैनिकों और उनके परिवारों की आत्माएं रहती हैं, जो यहां मर गए थे.
यह प्रसिद्ध पर्यटन स्थल दिन में भरपूर गतिविधि से भरा रहता है, लेकिन सूर्यास्त के बाद यह एक अलग ही दुनिया बन जाता है. कहा जाता है कि यहां कई भूत रहते हैं, जिनमें एक युवा लड़की की आत्मा शामिल है जो यहां एक दुर्घटना में मर गई थी.
मसूरी के हाथी पांव इलाके में साल 1990 में 50000 मजदूरों को खून की उल्टियां और फेफड़ों से संबंधित परेशानी हो गई थी जिसके बाद उनकी दर्दनाक मौत हो गई थी. ब्रिटिश काल से चलती आई इस खदान को साल 1996 में बंद कर दिया गया. आसपास के लोग बताते हैं कि अब भी इस खदान से रात को चीखने की आवाज़ें सनाई देती हैं.
यह पहाड़ी चोटी अपने मनोरम दृश्यों के लिए जानी जाती है, लेकिन यहां भी कई भूत कहानियां जुड़ी हुई हैं. कहा जाता है कि यहां एक बाघ की आत्मा रहती है जिसे शिकारियों ने मार दिया था
मुलीनगर मैंशन बाहर से बहुत ही सुंदर और आकर्षक है लेकिन अंदर से बेहद खौफनाक है. 1825 में बने इस मैंशन के मालिक की रहस्मय तरीके से मौत हो गई थी. स्थानीय लोग बताते हैं कि मैंशन के पहले मालिक कैप्टन यंग की प्रेत आत्मा यहां घूमती है.
चंपावत जिले का स्वाला गांव जो कभी जिंदगी से भरपूर था लेकिन आज घोस्ट विलेज में तब्दील हो चुका है. स्थानीय लोगों की मानें तो साल 1952 में यहां पहाड़ी मार्ग से गुजर रही 8 जवानों की एक गाड़ी दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी. लेकिन कुछ स्थानीय लोगों ने उन्हें बचाने के बजाय उनका सामान लूट लिया. कहते हैं अब इस गांव में भले ही कोई इंसान नहीं रहता लेकिन 8 जवानों की आत्माओं अभी भी यहां भटकती हैं.
अगर आप रोमांच पसंद करते हैं और भूतों से डरते नहीं हैं, तो आप इन भूतिया जगहों में से किसी एक का दौरा कर सकते हैं। लेकिन यह याद रखना ज़रूरी है कि आप इन जगहों का सम्मान करें और स्थानीय परंपराओं का पालन करें।
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