उत्तर प्रदेश में छोटे बड़े पुलों को मिला लिया जाए तो इनकी संख्या बहुत ज्यादा होगी. इनमें से कुछ गहरी नदी पर बने होते हैं. जो एक छोर को दूसरे छोर से जोड़ने का काम करते हैं.
चहलारी घाट ब्रिज उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा पुल है. यह सरयू नदी पर बना है. इस पुल की लंबाई ये 3760 मीटर है. ये बहराइच को सीतापुर से जोड़ता है. 2015 में इस पुल का निर्माण पूरा हुआ था. तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इसका उद्घाटन किया था.
यूपी के दूसरे सबसे लंबे पुल के तौर पर जगदीशपुर ब्रिज का नाम आता है. यमुना नदी पर बना यह पुल कानपुर और इलाहाबाद शहर को जोड़ता है. इस पुल की कुल लंबाई करीब 32 सौ मीटर है. ये पुल 2016 में बनकर तैयार हुआ था.
ये ब्रिज प्रयागराज और कौशांबी जिले को जोड़ता है. गंगा नदी पर बने इस पुल की लंबाई 3 हजार मीटर के करीब है जो उत्तर प्रदेश का तीसरा सबसे बड़ा पुल है. 2018 में ये पुल बनकर तैयार हुआ था, जिसका उद्घाटन पीएम मोदी ने किया.
सुल्तानपुर के इस ब्रिज की लंबाई 29 सौ मीटर है. यह यूपी का सबसे लंबा रेलवे पुल है. ये ब्रिज सुल्तापुर को रायबरेली जिले से जोड़ता है. 1965 में इसका निर्माण हुआ था.
अकबरी ब्रिज या मुगल ब्रिज को जौनपुर ब्रिज नाम से भी जाना जाता है, यह यूपी के जौनपुर में गोमती नदी पर बना है. शाही ब्रिज 1.7 किलोमीटर लंबा है, जो मड़ियाहू से किराकट को जोड़ता है. यह ब्रिज 500 साल से ज्यादा पुराना है.
ओल्ड नैनी ब्रिज उत्तर प्रदेश ही नहीं भारत के सबसे पुराने और लंबे पुलों में से एक है. 1006 मीटर लंबा ब्रिज प्रयागराज से नैनी को जोड़ता है. ऊपरी हिस्सा नैनी जंक्शन को इलाहाबाद जंक्शन से जोड़ता है. जबकि निचला हिस्सा 1927 से सड़क परिवहन के लिए है.
बाराबंकी में बना 3695 लंबा एलगिन ब्रिज घाघरा नदी पर बना है. यह पुल शारदा औऱ घाघरा नदी दोनों को कवर करता है. यह भारत के गवर्नर जनरल लार्ड एल्गिन के नाम पर यह बना था.
मालवीय ब्रिज 1887 में वाराणसी में गंगा नदी पर 1048.5 मीटर लंबा बना डबल डेकर ब्रिज है. यह गंगा नदी पर सबसे लंबे पुलों में है. जीटी रोड इसी से गुजरती है. अवध और रुहेलखंड रेलवे के इंजीनियरों ने यह ऐतिहासिक ब्रिज बनाया.
कुशीनगर के हेतिमपुर में अंग्रेजों के जमाने का छोटी गंडक नदी पर बना पुल भी इसी लिस्ट में है. इसे अंग्रेजी हुकूमत ने 1904 में बनाया था. यह 118 साल पुराना हो चुका है.
लार्ड कर्जन के नाम पर प्रयागराज में पुल बना था. 1901 में इसका निर्माण शुरू हुआ. पुल की पहली मंजिल पर रेलवे लाइन है. जबकि ऊपरी हिस्सा में सड़क.