सभी ग्रह तय समय पर राशि परिवर्तन करते हैं. इसका असर सभी 12 राशियों पर पड़ता है. कर्म फल दाता शनिदेव का भी नए साल में ग्रह परिवर्तन हो रहा है. शनिदेव साल 2025 में कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश गोचर करेंगे.
ज्योतिष के मुताबिक, शनि देव की चाल बहुत धीमी होती है. ऐसे में शनि ग्रह का एक राशि से दूसरे राशि में गोचर करने में करीब ढाई साल का समय लग जाता है. नए साल 2025 में शनि देश मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं.
शनि देव 29 मार्च को यानी संवत के अंतिम दिन मीन राशि में गोचर करने जा रहे हैं. इसकी वजह से दो राशियों के जातक शनि की ढैय्या और एक राशि के जातक साढ़े साती से मुक्त होंगे. वहीं, दो राशियों की ढैय्या शुरू होगी. एक नई राशि की साढ़े साती भी शुरू हो जाएगी.
हम सब जानते हैं शनि देव जब अपनी राशि बदलते हैं तो इसका असर देश-दुनिया की अर्थव्यवस्था और कारोबार में सभी 12 राशियों पर करते हैं.
शनिदेव को एक राशि में गोचर करने में ढाई वर्ष का समय लगता है. इससे पहले साल 29 अप्रैल 2022 को शनि का प्रवेश कुंभ राशि में हुआ था. इसके बाद 12 जुलाई को शनि वापस वक्री होकर मकर में लौट आए थे.
दोबारा जनवरी 2023 को शनि महाराज कुंभ राशि में आ गए थे. तब से यह मूल त्रिकोण राशि कुंभ में विराजमान हैं. अब 2025 मार्च में कुंभ राशि से मीन राशि में गोचर करेंगे.
ऐसे में नए साल 2025 में सिंह और धनु राशि वालों पर शनि की ढैय्या का असर शुरू हो जाएगा. इसका मतलब है कि सिंह राशि वालों को संभलने की जरूरत है.
इन राशि के जातकों को सेहत, रोजगार, धन, कामकाज, परिवार समेत जीवन के सभी क्षेत्रों में उतार चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है. कुल मिलाकर इन जातकों को शनि की पनौती का सामना करना पड़ सकता है.
वहीं, वर्तमान में शनि की साढ़े साती मकर, कुंभ और मीन राशि पर चल रही है. मीन राशि में गोचर करते ही मकर राशि वालों पर चल रही साढ़े साती समाप्त हो जाएगी. मेष राशि के जातकों पर साढ़े साती शुरू हो जाएगी.
मीन राशि वालों पर साढ़े साती का दूसरा चरण और कुंभ राशि वालों पर शनि का अंतिम चरण शुरू हो जाएगा. नए साल में कुंभ, मीन और मेष राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव शुरू हो जाएगा.
मीन राशि में गोचर करने पर सिंह और धनु राशि वालों पर शनि की ढैय्या का प्रभाव शुरू हो जाएगा. साथ ही कुंभ, मीन और मेष राशि वालों पर शनि की साढ़े साती का प्रभाव शुरू हो जाएगा.
ज्योतिष शास्त्र में शनि की साढ़े साती व ढैय्या के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए कुछ उपाय हैं. नए साल पर 11 शनिवार शनि मंदिर में जाकर छाया दान करें.
साथ ही काला छाता, जूता-चप्पल, लोहा, तिल आदि चीजों का दान भी करें. सफाईकर्मी, मजदूर वर्ग अर्थात निम्न वर्ग को कुछ ना कुछ दान करते रहें. हर रोज हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करें.
यहां बताई गई सारी बातें धार्मिक/लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. इसकी विषय सामग्री का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.