नरेंद्र मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले आम बजट में प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) 2.0 की घोषणा की गई थी जिसके मुख्य उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर, निम्न और मध्यम आय वर्ग के लोगों को अपना पक्का घर उपलब्ध कराना है.
23 जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि शहरी गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए 1 करोड़ आवास बनाए जाएंगे. इसके कुछ दिनों बाद, केंद्रीय कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दी.
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी की शुरुआत 2015 में हुई थी. इस योजना के तहत 1.18 करोड़ आवासों को स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से 85.5 लाख से अधिक आवास पूरे कर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं. शेष आवास अभी निर्माणाधीन हैं.
इस योजना के तहत लाभार्थी को ब्याज सब्सिडी योजना का लाभ मिलता है. यह सब्सिडी आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), निम्न आय वर्ग (LIG), और मध्यम आय वर्ग (MIG) परिवारों को दी जाती है.
EWS के दायरे में वे परिवार आते हैं, जिनकी वार्षिक आय ₹3 लाख तक होती है. इस वर्ग के लाभार्थी ब्याज सब्सिडी का लाभ प्राप्त कर सकते हैं.
निम्न आय वर्ग (LIG) के दायरे में वे परिवार आते हैं, जिनकी वार्षिक आय ₹3 लाख से ₹6 लाख तक होती है. इस वर्ग के लिए भी ब्याज सब्सिडी का प्रावधान किया गया है.
मध्यम आय वर्ग (MIG) के दायरे में वे परिवार आते हैं, जिनकी वार्षिक आय ₹6 लाख से ₹9 लाख तक होती है. इस वर्ग को भी ब्याज सब्सिडी योजना का लाभ मिलता है.
₹25 लाख तक का होम लोन लेने वाले लाभार्थी 12 वर्ष की अवधि तक के पहले 8 लाख रुपये के लोन पर 4 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी के पात्र होते है और अधिकतम ये सब्सिडी पौने तीन लाख होती है.
यह ब्याज सब्सिडी ₹35 लाख तक की कीमत वाले मकान के लिए ही होती है. पात्र लाभार्थियों को 5-वार्षिक किश्तों में पुश बटन के माध्यम से ₹1.80 लाख की सब्सिडी जारी की जाती है.
अगर आपने सभी शर्तों का पालन करते हुए 35 लाख रुपये या इससे कम का होम लोन लिया है. तो आप होम लोन के बैंक की वेबसाइट पर अपना होम लोन अकाउंट नंबर और अन्य जानकारी भरकर, ओटीपी, या स्मार्ट कार्ड के जरिए अपने खाते की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.