एमएस धोनी का पैतृक गांव उत्तराखंड के अल्मोड़ा में है. पिछले दिनों पत्नी साक्षी और बेटी जीवा के साथ ल्वाली पहुंचे थे. यहां बुजुर्गों से आशीर्वाद लिया था.
यहां धोनी ने पत्नी साक्षी के साथ गांव के मंदिरों में ईष्ट-देवताओं की पूजा-अर्चना की थी. इस दौरान धोनी ने गांव वालों से फिर आने का वादा किया था.
बिना किसी पूर्व सूचना के जब धोनी अपने पैतृक गांव पहुंचे तो ग्रामीण खुशी में झूम उठे थे. हर कोई उनकी एक झलक पाने के लिए वहां पहुंच गया था.
धोनी और साक्षी ने यहां गोलू देवता मंदिर, गंगनाथ मंदिर, देवी माता, ईष्टदेव और नृसिंह मंदिर में पूजा-अर्चना की थी. उनकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थीं.
ल्वाली गांव के लोगों का कहना है कि ग्राम देवता और कुलदेवता की पूजा-अर्चना के लिए धोनी 20 साल बाद आए थे.
गांव वालों का कहना है कि उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों में कुलदेवता के पूजन आदि की परंपराओं का निर्वहन आज भी पूरी आस्था के साथ किया जाता है.
नई पीढ़ी भले ही पढ़ाई-नौकरी के लिए गांव छोड़ शहर में बस जाए, लेकिन ग्राम देवता या ईष्ट देवता के पूजन आदि के लिए यहां आना ही पड़ता है.
एमएस धोनी ने भले ही क्रिकेट से संन्यास ले लिया है, हालांकि, प्रशंसकों में दीवानगी कम नहीं हुई है. इंस्टाग्राम पर धोनी के 49 मिलियन फॉलोअर्स हैं.
वहीं, फेसबुक पर 27 मिलियन फॉलोअर्स हैं. 2024 के आईपीएल में धोनी ने 14 मैचों में 161 रन बनाए थे.
अगर एमएस धोनी की कमाई की बात की जाए तो वह दुनिया के सबसे अमीर क्रिकेटरों में से एक हैं. साल 2024 तक एमएस धोनी के पास कुल संपत्ति 1040 करोड़ रुपये (करीब 127 मिलियन डॉलर) है.