दरअसल, लंबे समय से शिकायत मिल रही थी कि एमबीबीएस डॉक्टर के नाम पर झोलाछाप डॉक्टर मोटी कमाई कर रहे हैं. साथ ही सेहत से भी खिलवाड़ कर रहे हैं.
मोदी सरकार ने एमबीबीएस डॉक्टरों के रजिस्ट्रेशन के लिए नेशनल मेडिकल रजिस्टर (NMR) पोर्टल की शुरुआत कर दी है. NMC और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने मिलकर यह पोर्टल तैयार किया है.
बताया गया कि इस पोर्टल पर देशभर के ऐलोपैथिक एमबीबीएस पंजीकृत चिकित्सकों का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड एक क्लिक में मिल जाएगा.
बताया गया कि एनएमआर डिजिटल हेल्थकेयर इकोसिस्टम को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगा. इससे स्वास्थ्य सेवा और मजबूत होगी.
पोर्टल पर पंजीकरण प्रक्रिया में निरंतर सुधार के साथ राष्ट्रीय चिकित्सा रजिस्टर को अपग्रेड किया जाएगा.
अभी तक देश में कुल डॉक्टरों की संख्या, देश छोड़ने वाले, प्रैक्टिस करने का लाइसेंस खोने वालों या जान गंवाने वाले डॉक्टरों की संख्या स्पष्ट नहीं थी.
नए पोर्टल से देशभर के एमबीबीएस डॉक्टरों का पूरा ब्योरा सामने आ जाएगा. एनएमआर के लॉन्च होने से 13 लाख से अधिक डॉक्टरों के डेटा का प्रावधान सुनिश्चित होगा.
नए पोर्टल से देश के सभी डॉक्टरों को यूनिक आईडी मिलेगा. वन नेशन वन रजिस्ट्रेशन की तर्ज पर नेशनल मेडिकल रजिस्टर (NMR) को लागू किया गया है.
इससे एमबीबीएस पास करते ही डॉक्टर का एनएमआर पर रजिस्ट्रेशन हो जाएगा और इससे अलग-अलग राज्यों में रजिस्ट्रेशन से लेकर किसी भी तरह की गड़बड़ी की संभावना खत्म हो सकेगी.