चंद्रशेखर की सियासी जिंदगी कांग्रेस सोशलिस्ट पार्टी, कांग्रेस, जनता पार्टी, जनता दल, समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय) में बीती.
चंद्रशेखर का जन्म उत्तर प्रदेश के बलिया के इब्राहिमपट्टी गांव में एक राजपूत ज़मींदार परिवार में हुआ था. वे एक किसान परिवार से थे.
भले ही उनकी पार्टी के पास लोकसभा सांसद कम थे लेकिन चंद्रशेखर सरकार बनाने और प्रधानमंत्री बनने में सफल रहे थे.
वे छात्र राजनीति में एक तेजतर्रार नेता के रूप में जाने जाते थे और उन्होंने अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत डॉ. राम मनोहर लोहिया के साथ की थी. उन पर आचार्य नरेंद्र देव का भी प्रभाव था. आगे चलकर वे समाजवादी राजनीति में सक्रिय हो गए.
एक सांसद के रूप में चंद्रशेखर का करियर 1962 में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा के लिए उनके चुनाव के साथ शुरू हुआ था.
जब आपातकाल घोषित किया गया, तब भी वे कांग्रेस पार्टी में थे, उन्हें गिरफ्तार कर पटियाला जेल भेज दिया गया. उन्होंने आपातकाल की घोषणा के लिए इंदिरा गांधी की कड़ी आलोचना की थी.
1988 में चंद्रशेखर की पार्टी ने अन्य दलों के साथ विलय कर लिया और वी.पी. सिंह के नेतृत्व में सरकार बनाई.
चंद्रशेखर और देवी लाल जनता दल से अलग हो गए थे और उन्होंने समाजवादी जनता पार्टी (राष्ट्रीय) (एसजेपी (आर)) की स्थापना 5 नवंबर 1990 को की. वे पार्टी के 60 सांसदों को तोड़ने में कामयाब हुए और सरकार बनाई. अपनी मृत्यु के समय चंद्रशेखर अपनी पार्टी के एकमात्र सांसद थे.
चन्द्रशेखर सात महीने तक प्रधानमंत्री रहे, जो पूर्व पीएम चरण सिंह के बाद दूसरा सबसे छोटा कार्यकाल था. माना जाता है कि कांग्रेस के समर्थन से इस सरकार को बनाने में सुब्रमण्यम स्वामी की अहम भूमिका थी.
चंद्रशेखर सरकार पूर्ण बजट पेश नहीं कर सकी क्योंकि 6 मार्च 1991 को कांग्रेस ने समर्थन वापस ले लिया था. जिसके बाद चन्द्रशेखर ने 15 दिन बाद 21 जून को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था.