इतिहास के पन्नों से: भारत के इतिहास में मुस्लिम आक्रमणकारियों के हमलों की कहानियों भरी पड़ी हैं. इतिहास में कई दूसरी राजनीतिक व सामाजिक घटनाओं का जिक्र भी मिलता है.
इन हिंदू राजाओं ने मुस्लिम राजकुमारियों से किया विवाह, राज-पाट तक छोड़ा
भारत के इतिहास में मुस्लिम आक्रमणकारियों के हमलों की कहानियों भरी पड़ी हैं. इतिहास में कई दूसरी राजनीतिक व सामाजिक घटनाओं का जिक्र भी मिलता है.
इतिहास में ही कुछ ऐसी कुछ घटनाओं में हिंदू राजाओं और मुस्लिम राजकुमारियों की शादी का जिक्र भी है. इतिहासकारों के मुताबिक, इसमें सबसे पहला नाम आता है महाराणा अमर सिंह मेवाड़ के शासक का.
अमर सिंह महाराणा प्रताप के बड़े बेटे और महाराणा उदय सिंह द्वितीय के पौत्र थे. महाराणा प्रताप सिंह की मृत्यु के वह उदयपुर मेवाड़ में गद्दी पर बैठे थे. इसके बाद अमर सिंह ने मुगलों पर एक के बाद एक कई हमले किए.
अमर सिंह के हमलों से घबराकर मुगलों को मेवाड़ छोड़कर भागना पड़ा. अकबर ने मेवाड़ को नहीं जीत पाने के कारण संधि के तौर पर अपनी बेटी शहजादी खानूम की शादी अमर सिंह से की थी.
इसके बाद नाम आता है राजा मानसिंह के बेटे कुंवर जगत सिंह का. जगत सिंह की शादी एक मुस्लिम शहजादी होने का जिक्र में मिलता है. उन्होंने उड़ीसा के अफगान नवाब कुतुल खां की बेटी मरियम से शादी की थी.
इतिहासकारों के मुताबिक, कुंवर जगत सिंह का मुकाबला नवाब कुतलू खां की सेना से हुआ. युद्ध में कुंवर जगत सिंह घायल हो गए और हार गए.
इसके बाद कुतुल खां की बेटी मरियम ने जगत सिंह को गुप्त रूप से अपने पास रखा और उनकी सेवा की. दिन ठीक होने पर मरियम ने जगत सिंह को विष्णुपुर के राजा हमीर को सौंप दिया. कुछ समय बाद कुतलू खां की मौत हो गई. कुतलू खां के बेटे ने राजा मान सिंह की अधीनता स्वीकार कर ली.
वहीं, मरियम की सेवा से प्रभावित होकर कुंवर जगत सिंह ने उससे शादी कर ली. उपन्यासकार बंकिमचंद्र चट्टोपाध्याय ने अपने उपन्यास ‘दुर्गेशनंदिनी’ में कुंवर जगत सिंह के युद्ध में घायल होने और एक मुस्लिम लड़की के उनकी सेवा करने के बारे में लिखा है.
मेवाड़ के राजा राणा सांगा ने मुस्लिम सेनापति की बेटी मेरूनीसा से शादी की. इसके अलावा उन्होंने तीन और मुस्लिम लड़कियों से विवाह किया था.
राणा सांगा महाराणा संग्राम सिंह और महाराणा कुंभा के बाद सबसे प्रसिद्ध महाराजा थे. इन्होंने अपनी शक्ति के बल पर मेवाड़ का विस्तार किया और राजपूताना के सभी राजाओं को संगठित किया.
अपराजित योद्धा के तौर पर पहचान बनाने वाले महाराणा कुंभा ने जागीरदार वजीर खां की बेटी से शादी की थी. महाराणा कुंभा ने 1437 में मालवा के सुलतान महमूद खिलजी को सारंगपुर के पास बुरी तरह से हराया था.
फादर ऑफ रावलपिंडी के नाम से विख्यात बप्पा रावल ने गजनी के मुस्लिम शासक की बेटी से शादी की. बप्पा रावल को मेवाड़ का संस्थापक भी कहा जाता है. महाराणा कुंभा ने जागीरदार वजीर खां की बेटी से शादी की थी
राजा छत्रसाल ने हैदराबाद के निजाम की बेटी रूहानी बाई से शादी की थी. महाराजा छत्रसाल बुंदेला महान प्रतापी राजपूत योद्धा थे. उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब को युद्ध में हराकर बंदेलखंड में अपना स्वतंत्र बुंदेला राज्य स्थापित किया और महाराजा की पदवी हासिल की.
महाराज छत्रसाल जू देव बुंदेला ओरछा के रुद्र प्रताप सिंह बुंदेला के वंशज थे. वह पूरा जीवन मुगलों की सत्ता के खिलाफ संघर्ष और बुंदेलखंड की आजादी बनाए रखने के लिए जूझते रहे. वहीं, राजपूत राजा बिंदुसार ने मीर खुरासन की बेटी नूर खुरासन से शादी की थी.
इतिहास में इसके अलावा कई दूसरे राजाओं के मुस्लिम शासकों की बेटियों से शादी का जिक्र मिलता है. जैसे विजयनगर के सम्राट कृष्ण देव राय ने गुजरात के नवाब के सुल्तान महमूदशाह की बेटी मिहिरिमा सुल्तान से शादी की थी. अमरकोट के राजा वीरसाल का विवाह हामिदा बानो से हुआ था. राजा मान सिंह ने मुस्लिम लड़की मुबारक को अपनी रानी बनाया था.