हर साल सूरजकुंड मेला देश के किसी राज्य की थीम पर लगता है. भारत की संस्कृति और रीति-रिवाजों को करीब से जानने के लिए यह बहुत अच्छी जगह है. इस मेले का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया.
भारतीय हैंडलूम और टूरिज्म की परंपरा को बढ़ावा देने के लिए 2 फरवरी से सूरजकुंड मेला शुरू हो चुका है. फरीदाबाद में हरियाणा पर्यटन विभाग द्वारा आयोजित किए जाने वाले इस मेले का उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया.
ये मेला 2 फरवरी से शुरू होकर 15 फरबरी तक चलेगा. यह शिल्प मेला भारत के सबसे प्रसिद्ध आयोजनों के रूप में जाना जाता है जो कला, संस्कृति और विरासत का जश्न मनाता है.
इस मेले में जाने का समय सुबह 10 बजे से लेकर शाम 7 बजे तक चलेगा. अगर आप यहां से खरीददारी करना चाहते है. तो आपको इसी टाइम के बीच में मेले देखने जाना पड़ेगा.
फरीदाबाद में लगने वाले इस मेले में दुनिया के लगभग दक्षिण एशिया, अफ्रीका और यूरोप सहित 20 से अधिक देश भाग लेने वाले है.
सूरजकुंड का अर्थ है 'सूर्य की झील', इसका अत्यधिक ऐतिहासिक महत्व है. मेले का नाम सूरजकुंड झील के नाम पर पड़ा, जो 10वीं शताब्दी में तोमर वंश के राजा सूरज पाल द्वारा निर्मित एक प्राचीन जलाशय था.
अगर आप भी इस बार फरवरी में घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं, तो सूरजकुंड मेला जा सकते है. यहां पर आपको कपड़ा, चीनी मिट्टी के बर्तन और टेराकोटा आदि खरीदने को मिलता है.
केंद्रीय पर्यटन, कपड़ा संस्कृति और विदेश मंत्रालय इस मेले का आयोजन करता है. सूरजकुंड मेले में आने वाले लोगों के लिए ई टॉयलेट के साथ पीने के पानी की भी व्यवस्था होती है.
दिल्ली एअरपोर्ट से फरीदाबाद की दूरी मात्र 24 किलोमीटर है. यहां आप मेट्रो के सहारे भी सूरजकुंड मेला पहुंच सकते है.
मेले के दौरान स्टे के लिए आप शहर में कहीं भी रुक सकते हैं.आपको मेले के आसपास कई ऐसे होटल मिल जाएंगे, जो 24 घंटे ठहरने की सुविधा देते हैं