ये उत्तराखंड के बागेश्वर में स्थित है. धौली नाग को कालिया नाग का बड़ा पुत्र माना जाता है. लोगों की मान्यता है कि नाग पंचमी के दिन इस मंदिर में पूजा करने से उनकी हर मनोकामना पूरी होती है और नाग देवता उनकी रक्षा करते हैं.
नैनीताल के पास भीमताल में कर्कोटक नाग मंदिर है. यह प्राचीन नाग मंदिर है कर्कोटक नाम की पहाड़ी की चोटी पर बना है. यह मंदिर पांच हजार साल से भी पुराना है. कर्कोटक नाग मंदिर का उल्लेख स्कंद पुराण के मानसखंड में मिलता है.
तक्षक नाग मंदिर यूपी के प्रयागराज में स्थित है. इसे तक्षकेश्वर महादेव मंदिर से भी जाना जाता है. नागपंचमी के दिन यहां दर्शन करने से कालसर्प दोष और सर्पदंश दोष दूर होता है. यह मंदिर बहुत लोकप्रिय है. दूर-दूर से लोग यहां दर्शन करने जाते हैं.
दारागंज मोहल्ले में स्थित इस मंदिर से दूर-दूर से लोग दर्शन करने आते हैं. नाग पंचमी के दिन इस मंदिर में भक्तों की भीड़ रहती है. इस मंदिर में लोग नाग देवता को दूध पिलाते हैं और गंगाजल से उनका अभिषेक करते हैं.
यह मंदिर देहरादून में स्थित है और यहां नाग देवता के साथ-साथ भगवान शिव, पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की भी मूर्तियां हैं. नागपंचमी के दिन यहां बहुत से भक्तों की भीड़ लगती है.
यह मंदिर पिथौरागढ़ में स्थित है और यहां नाग देवता के साथ-साथ भगवान शिव की भी मूर्तियां हैं. जिस गली में यह मन्दिर स्थित है उसे स्थानीय लोग नागेश्वर गली के नाम से जानते हैं.
ये बाराबंकी में मौजूद नाग देवता का एक अनोखा मंदिर है. नागपंचमी के दिन यहां मेला लग जाता है. इस दिन नाग देवता के दर्शन करने के लिए रात 12 बजे से ही श्रद्धालुओं की लंबी लाइन देखने को मिलती है.
इस मंदिर में भगवान शिव अपने विविध रूपों में विराजमान हैं. सावन के समय बहुत से भक्त भगवन शिव का जलाभिषेक करने आते है. वहीं नागपंचमी के दिन यहां लोगों का मेला लग जाता है.
कानपुर के इस महादेव मंदिर का रहस्य बरकरार है. लेकिन लोगों की मान्यता है कि यहां रोज सुबह नाग देवता भगवान शिव की पूजा कर के जाते है. नागपंचमी के दिन यहां लोगों की भारी भीड़ आती है और भगवान शिव की पुजा कर नाग देवता को प्रसन्न करते है.