अगर आपका बिजली बिल AC के अधिक इस्तेमाल से बढ़ रहा है तो आइये आपको इस लेख में कुछ ऐसी टिप्स देते हैं जिनसे आप अपना एसी का बिल एक चौथाई यानी 25 फीसद तक कम सकते हैं.
केंद्र सरकार ने ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) के साथ मिलकर कुछ साल पहले रूम एयर कंडीशनर (RAC) के लिए नए ऊर्जा प्रदर्शन मानकों को अधिसूचित किया था.
(BEE) के साथ मिलकर जारी अधिसूचना के अनुसार, 1 जनवरी, 2020 से सभी रूम एयर कंडीशनर्स का डिफ़ॉल्ट तापमान 24 डिग्री सेल्सियस अनिवार्य कर दिया गया है.
1 जनवरी, 2020 से BEE द्वारा अधिसूचना के अनुसार स्टार-लेबलिंग कार्यक्रम के तहत यह अनिवार्य है कि सभी बिजली उपभोक्ता अपने रूम एयर कंडिशनर का तापमान 24 डिग्री पर ही डिफाल्ट सेटिंग करके रखें.
नए मानकों के अनुसार, भारतीय मौसमी ऊर्जा दक्षता अनुपात (ISEER) स्प्लिट AC के लिए 3.30 से 5.00 और विंडो AC के लिए 2.70 से 3.50 होगा, जो 1 जनवरी, 2021 से लागू है.
डिफ़ॉल्ट सेटिंग वह सेटिंग होती है जिस पर मशीन फैक्ट्री से आती है. इसलिए, जब मशीन चालू की जाती है, तो इसका प्रारंभिक तापमान 24 डिग्री सेल्सियस होगा. हालांकि, उपयोगकर्ता अपनी पसंद के अनुसार AC का तापमान कम (या अधिक) कर सकते हैं.
ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (BEE) ने बताया है कि AC के तापमान को 18-21 डिग्री के पारंपरिक तापमान से 24 डिग्री पर रखने से 25 प्रतिशत ऊर्जा की बचत हो सकती है.
अनुमान है कि कमरे के तापमान को 1 डिग्री सेल्सियस बढ़ाने से लगभग 6 प्रतिशत बिजली की बचत हो सकती है. आमतौर पर, कमरे का तापमान 20-21 डिग्री सेल्सियस रखा जाता है, जबकि आरामदायक तापमान 24-25 डिग्री सेल्सियस होता है.
20 डिग्री सेल्सियस से 24 डिग्री सेल्सियस पर परिवर्तन करने से कम से कम 4 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होगी, जिससे बिजली की खपत में 25 प्रतिशत तक की बचत की जा सकती है.
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